अमरीकी सुप्रीम कोर्ट ने पहली बार माना है कि पूर्व राष्ट्रपति के रूप में डोनाल्ड ट्रंप को सीमित छूट प्राप्त है। सुप्रीम कोर्ट में नौ न्यायाधीशों की पीठ ने 6-3 के बहुमत से यह फैसला सुनाया है। अमेरिका में 5 नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप और जो बाइडेन के बीच मुकाबला होना है।
एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त राज्य अमरीका के सुप्रीम कोर्ट के नौ न्यायाधीशों में से छह ने फैसला सुनाया कि पूर्व राष्ट्रपति होने के कारण पूर्व राष्ट्रपति ट्रम्प के पास सीमित छूट है। कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए ट्रम्प के खिलाफ 2020 में इलेक्शन में से जुड़े मुक़दमे अधीनस्थ न्यायालयों को वापस भेज दिये हैं।
बहुमत के फैसले में कहा गया कि चार साल पहले चुनाव परिणामों की गैर-मान्यता और उनकी मान्यता को रोकने की योजना के लिए पूर्व राष्ट्रपति के खिलाफ दायर आपराधिक मामलों को अधीनस्थ अदालतों में भेजा जा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट के बहुमत के फैसले में कहा गया है कि पूर्व राष्ट्रपतियों को कानूनी कार्यवाही से पूर्ण छूट प्राप्त है, लेकिन यह उन कार्यों पर लागू नहीं होता है जो अनौपचारिक या निजी तौर पर लिए गए हों।
अमरीकी मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, पूर्व राष्ट्रपति ट्रम्प ने 2020 के चुनाव परिणामों के सत्यापन में बाधा डालने से संबंधित आपराधिक आरोपों से छूट के लिए याचिका दायर की थी।
संवैधानिक और कानूनी विशेषज्ञों के मुताबिक, 18वीं सदी में देश की स्थापना के बाद यह फैसला पहली बार आया है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पूर्व राष्ट्रपतियों को किसी भी मामले में आपराधिक आरोपों से बचाया जा सकता है।
मुख्य न्यायाधीश जॉन रॉबर्ट्स ने अदालत के छह-न्यायाधीशों के रूढ़िवादी बहुमत की ओर से ऐतिहासिक फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि तीन न्यायाधीशों ने पूर्व राष्ट्रपतियों के महाभियोग पर असहमति जताई थी।
चुनाव नतीजों में हेरफेर से जुड़े 60 मामलों में पूर्व राष्ट्रपति की हार हुई, लेकिन महाभियोग के आधार पर उन्होंने हमेशा खुद को निर्दोष बताया।
गौरतलब है कि अमेरिका में 5 नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप और जो बाइडेन के बीच मुकाबला होगा।
बताते चलें कि अमरीका में 18वीं सदी में देश की स्थापना के बाद यह पहला मौका है जब सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व राष्ट्रपति को आपराधिक मामलों में कानूनी प्रक्रिया में किसी तरह की छूट देने से स्पष्ट रूप से मना कर दिया है।