महुआ मोइत्रा को लोकसभा में निष्कासित करने का प्रस्ताव ध्वनिमत से पारित होने के बाद उन्हें लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया है। तृणमूल कांग्रेस सांसद को रिश्वत लेकर सवाल पूछने के मामले में सदन से निष्कासित किया गया है।
लोकसभा से अपने निष्कासन पर तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा कि एथिक्स कमेटी के पास निष्कासित करने का अधिकार नहीं है। आगे उन्होंने बीजेपी को संकेत करते हुए कहा कि यह आपके अंत की शुरुआत है।
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा का ‘कैश फॉर क्वेरी’ मामले में लोकसभा से निष्कासित करने का प्रस्ताव ध्वनिमत से पारित हुआ। इसके बाद उनकी संसद सदस्यता रद्द कर दी गई है। इस सबंध में लोकसभा में संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने मोइत्रा के निष्कासन का प्रस्ताव रखा, जिसे सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी मिली।
लोकसभा की एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट पर आधे घंटे से अधिक चर्चा चली। स्पीकर ओम बिरला ने मोइत्रा को यह कहते हुए बोलने का मौका नहीं दिया कि वह कमेटी के सामने अपनी बात रख चुकी हैं।
‘Cash For Query’ मामले में TMC सांसद महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता रद्द, बोलीं- कोई सबूत नहीं मिले
दिप्रिंट की फाल्गुनी शर्मा @Falguni__21 की रिपोर्टhttps://t.co/IMfdCxHdkt
— ThePrintHindi (@ThePrintHindi) December 8, 2023
विपक्षी सांसदों ने मोइत्रा को बोलने देने की मांग की और उनके समर्थन में इन सांसदों ने जमकर विरोध किया। अपने विरोध में विपक्षी सांसद संसद भवन के बाहर भी आए। इनमे सोनिया गांधी भी शामिल थीं।
इससे पहले आज दोपहर 12 बजे एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट लोकसभा में पेश की गई। ये रिपोर्ट बीजेपी सांसद और आचार समिति के अध्यक्ष विनोद सोनकर ने प्रस्तुत की। इस बीच विपक्ष के हंगामें और नारेबाजी के बाद संसद की कार्यवाही स्थगित होने के बाद फिर से दो बजे शुरू हुई।
रिपोर्ट में तृणमूल कांग्रेस सांसद को रिश्वत लेकर सवाल पूछने के मामले में सदन से निष्कासित करने की सिफारिश की गई थी। रिपोर्ट प्रस्तुत होने के बाद सरकार की ओर से महुआ मोइत्रा की सदस्यता ख़त्म करने का प्रस्ताव दिया गया। इस पर स्पीकर द्वारा मामले पर चर्चा के लिए आधे घंटे का समय दिया गया। इस बीच पक्ष और विपक्ष के सांसदों ने अपनी बात सदन में रखी।