देश की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष यानी 2023-2024 में 6.5 फीसदी रहने का अनुमान है। अगले कुछ वर्ष 6.5 फीसदी की इस वृद्धि दर को बरक़रार रखा जा सकता है।
नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने सोमवार को ये जानकारी दी। आयोग के अनुसार देश का विदेशी मुद्रा भंडार करीब 11 महीने के आयात को पूरा करने के लिए काफी है। ऐसे में भारत का चालू खाता घाटा नियंत्रित किया जा सकता है।
पूर्व उपाध्यक्ष राजीव कुमार मानते हैं कि हम अगले कुछ वर्ष 6.5 फीसदी की इस वृद्धि दर को आसानी से बनाए रख सकते हैं। नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष का मानना है कि भारत को 8 फीसदी से अधिक की वृद्धि की जरूरत है।
इस बारे में कुमार का कहना है कि देश की युवा आबादी की आकांक्षाओं को पूरा करने और कार्यबल के लिए पर्याप्त नौकरियां उत्पन्न करने के लिए आर्थिक वृद्धि को इस स्तर पर लाना जरूरी है।
#GDP: मौजूदा वित्त वर्ष में देश की अर्थव्यवस्था करीब 6.5 फीसदी की दर से बढ़ेगी। यह अनुमान है नीति आयोग के पूर्व वाइस चेयरमैन राजीव कुमार का। जानिए डिटेल।
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भारतीय रिजर्व बैंक का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.5 फीसदी हो सकती है। वर्ष 2022-23 में देश की जीडीपी वृदि दर 7.2 प्रतिशत थी, जो 2021-22 के 9.1 फीसदी से कम है।
देश की व्यापक आर्थिक स्थिति को मिलने वाले फायदे के लिए राजीव कुमार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने 9 साल में किए गए सुधार की बात करते हैं।
भारत 5जी मोबाइल स्पीड रैंकिंग में 47वें स्थान पर पहुंच गया है। इससे पहले भारत इस रैंकिंग में 119वें पायदान पर था। ‘स्पीडटेस्ट ग्लोबल इंडेक्स’ की बात करें तो देश, बांग्लादेश, श्रीलंका और पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देशों को पछाड़ चुका है।
जी-20 देशों से तुलना करने पर पता चलता है कि दक्षिण अफ्रीका 48वें स्थान पर है, ब्राजील का 50वां नंबर है, जापान 58वें नंबर पर है, ब्रिटेन इस सूची में 62वें स्थान पर है जबकि तुर्किये 68वें तथा मैक्सिको का 90वां स्थान है।