हमारे देश में 5 सितंबर का दिन शिक्षकों को समर्पित है। यह दिन डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के सम्मान में मनाया जाता है। आज ही के दिन 1888 में उनका जन्म हुआ था।
भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति होने के साथ ही डॉ. राधाकृष्णन एक महान विद्वान और दार्शनिक भी थे। इनकी उपलब्धियों को देखते हुए इन्हे भारत रत्न से नवाज़ा गया था।
इस बार राष्ट्रीय शिक्षक दिवस यानी पांच सितंबर की पूर्व संध्या पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिक्षकों को सम्बोधित किया। उन्होंने शिक्षकों से अपने स्कूलों में देश के विभिन्न क्षेत्रों की संस्कृति और विविधता का जश्न मनाने का आग्रह किया है।
शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के 75 विजेताओं से मुलाकात की। ये आयोजन सोमवार को 7, लोक कल्याण मार्ग पर किया गया। प्रधानमंत्री ने देश के युवा दिमागों को विकसित करने में शिक्षकों के प्रयासों की सराहना की।
Met our nation's exemplary educators who have been honoured with the National Teachers' Awards. Their dedication to shaping young minds and their unwavering commitment to excellence in education is very inspiring. In their classrooms, they are scripting a brighter future for… pic.twitter.com/49zWk5eA29
— Narendra Modi (@narendramodi) September 4, 2023
प्रधानमंत्री ने बच्चों को जमीनी स्तर पर उपलब्धि हासिल करने वालों की सफलता के बारे में शिक्षित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने शिक्षक दिवस पर अच्छे शिक्षकों के महत्व और देश की नियति को आकार देने में उनकी भूमिका पर प्रकाश डाला।
प्रधानमंत्री ने शिक्षकों से छात्रों को अपने क्षेत्र के इतिहास और संस्कृति को जानने के लिए प्रेरित करने का आग्रह किया। साथ ही उन्होंने इतिहास और स्थानीय विरासत पर गर्व करने की बात भी कही।
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर प्रौद्योगिकी और विज्ञान के बारे में छात्रों के जिज्ञासु होने पर विशेष ज़ोर दिया। चंद्रयान-3 के हवाले से विज्ञान पर चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने बच्चों को प्रोत्साहित करने के महत्व को रेखांकित किया।
प्रधानमंत्री ने बताया कि 21वीं सदी, प्रौद्योगिकी संचालित सदी है। उन्होंने विशेष रूप से युवाओं को कुशल बनाने और उन्हें भविष्य के लिए तैयार करने के महत्व के बारे में भी बात की।