आज विश्व आदिवासी दिवस है। जल जंगल जमीन के लिए संघर्ष करते हुए प्रकृति की रक्षा के लिए संघर्ष करने वालों का सम्मान करने का दिवस।
दुनियाभर भर की आदिवासी जातियों में जागरूकता फैलाने और उनके अधिकारों के संरक्षण को प्रेरित करने के उद्देश्य से हर साल 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस मनाया जाता है।
संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक पूरे विश्व में करीब 7 हजार आदिवासी भाषाओं की पहचान की जा चुकी है। इनमें 40 फीसदी विलुप्त होने की कगार पर हैं।
विश्व आदिवासी दिवस 2023 के अवसर पर संयुक्त राष्ट्र ने इस बार मुख्य विषय को आदिवासी युवाओं पर फोकस किया है। इस बार के विश्व आदिवासी दिवस का थीम है – आत्मनिर्णय के लिए परिवर्तन के प्रेरक के रूप में आदिवासी युवा। आज आदिवासी युवा अपने आत्मनिर्णय के अधिकार का प्रयोग सक्रिय तौर पर कर रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक पूरे विश्व में करीब 7 हजार आदिवासी भाषाओं की पहचान की जा चुकी है। इनमें 40 फीसदी विलुप्त होने की कगार पर हैं। ऐसा होने का कारण इनका उपयोग पढ़ाई, संचार, सरकारी कामकाज और रोजगार के क्षेत्रों में न किया जाना माना जा रहा है। आदिवासी युवा की मजबूरी थी कि आर्थिक उन्नति के लिए उन्हें प्रचलित भाषाओं को अपनाना पड़ा।
युवाओं पर फोकस है यह विश्व आदिवासी दिवस, 7000 आदिवासी भाषाएं, 40 फीसदी लुप्त होने की कगार पर#WorldTribalDay https://t.co/HklXwZ6dYR
— Dainik Jagran (@JagranNews) August 9, 2023
संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा दिसंबर 1994 में इस दिन को मनाए जाने की घोषणा की गई थी। इसका मक़सद वैश्विक स्तर पर आदिवासी जनसंख्या के मानवाधिकारों की रक्षा करना है। इसे लागू करने के लिए वर्ष 1982 में हुई पहली बैठक से प्रेरणा मिली थी।
विश्व आदिवासी दिवस पर @rpuni से यह विशेष बातचीत सुनिए : Hindutva की राजनीति आदिवासियों के लिए खतरनाक है।
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— Ashok Kumar Pandey अशोक اشوک (@Ashok_Kashmir) August 9, 2023
वर्ष 2021 में मनाए गए विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर संयुक्त राष्ट द्वारा वर्ष 2022 से 2032 तक के दशक को ‘आदिवासी दशक’ के तौर पर मनाए जाने की घोषणा की गई थी। इस दशक को मनाए जाने के लिए यूएन का उद्देश्य है कि आदिवासी भाषाओं के सरक्षण के लिए क्या-क्या प्रयास किए जा सकते हैं।