यूजीसी यानी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने देश के 20 विश्वविद्यालयों को फर्जी करार दिया है। यूजीसी ने स्पष्ट किया कि फर्जी घोषित की जाने वाली इन युनिवर्सिटी को डिग्री देने का अधिकार नहीं है।
यूजीसी द्वारा घोषित किये गए फर्जी विश्वविद्यालयों की सूची में सबसे ज़्यादा आठ संसथान दिल्ली के हैं।
अपने बयान में यूजीसी ने स्पष्ट करते हुए कहा है कि इस विश्वविद्यालयों की तरफ से दी जाने वाली डिग्रियां न तो मान्य होगी और न ही उच्च शिक्षा या रोजगार में इनका कोई महत्व होगा।
यूजीसी का कहना है कि कई संस्थान यूजीसी अधिनियम के प्रावधानों के विपरीत डिग्री प्रदान कर रहे हैं। इस सम्बन्ध में यूजीसी के सचिव मनीष जोशी का कहना है कि इन फर्जी संस्थानों को कोई भी डिग्री प्रदान करने का अधिकार नहीं है।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग- #UGC ने आज देश के 20 #Universities को फर्जी घोषित किया है। हैरानी की बात ये है कि इन 20 विश्वविद्यालयों में सबसे ज्यादा 8 राजधानी दिल्ली में चल रहे थे। उसके बाद उत्तर प्रदेश का नंबर आता है, जहां 4 ऐसे विश्वविद्यालय चल रहे थे। https://t.co/snBpG0gjMY
— Navjivan (@navjivanindia) August 2, 2023
यूजीसी द्वारा प्रतिबंधित संस्थानों में दिल्ली में आठ फर्जी विश्वविद्यालय हैं। इसने नाम-
अखिल भारतीय सार्वजनिक और शारीरिक स्वास्थ्य विज्ञान संस्थान,
कमर्शियल यूनिवर्सिटी लिमिटेड दरियागंज,
संयुक्त राष्ट्र विश्वविद्यालय,
व्यावसायिक विश्वविद्यालय,
एडीआर-सेंट्रिक ज्यूरिडिकल यूनिवर्सिटी,
भारतीय विज्ञान एवं इंजीनियरिंग संस्थान,
विश्वकर्मा ओपन यूनिवर्सिटी फॉर सेल्फ एम्प्लॉई मेंट व आध्यात्मिक विश्वविद्यालय
उत्तर प्रदेश के चार फर्जी संस्थान-
गांधी हिंदी विद्यापीठ,
नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ इलेक्ट्रो कॉम्प्लेक्स होम्योपैथी,
नेताजी सुभाष चंद्र बोस विश्वविद्यालय (ओपन यूनिवर्सिटी),
भारतीय शिक्षा परिषद हैं
इसके अलावा यूजीसी ने कर्नाटक, महाराष्ट्र, पुडुचेरी, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल और केरल के फर्जी विश्वविद्यालय के सम्बन्ध में भी जानकारी दी है।