2018-19 में पढ़ाई के लिए कनाडा गए 700 से अधिक भारतीय छात्रों को वापस लौटना होगा। शैक्षणिक संस्थानों में इन छात्रों के ‘प्रवेश प्रस्ताव पत्र’ नकली पाए जाने के बाद ये मामला साने आया है। । इन छात्रों को हाल ही में कनाडा की सीमा सुरक्षा एजेंसी (CBSA) की ओर से निर्वासन पत्र मिला है।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक़ एजुकेशन माइग्रेशन सर्विसेस के तहत बृजेश मिश्रा अध्यक्षता में स्टडी वीजा के लिए आवेदन किया गया था। इसके लिए प्रमुख संस्थान हंबर कॉलेज में एडमिशन फी सहित प्रति छात्र 16 लाख रुपये से अधिक का शुल्क था। इसमें हवाई टिकट और सेक्योरिटी शामिल नहीं थी।
फ्रॉड का मामला उस समय सामने आया इनमे से एक छात्र ने पीआर यानी परमानेंट रेजिडेंट के लिए आवेदन किया। एडमिशन ऑफर लेटर की जांच पर इस फ्रॉड का खुलासा हुआ CBSA द्वारा दस्तावेजों की जांच से पता चला कि छात्रों को वीजा जारी किया गयी जानकारी नकली थी।
पढ़ाई पूरी की, नौकरी भी लगी, अब 700 छात्रों को वापस भेजा जाएगा इंडिया, एक ‘लालच’ से सामने आया बड़ा फर्जीवाड़ा https://t.co/sLTcyGKRYh
— Jansatta (@Jansatta) March 16, 2023
इनमें से ज़्यादातर छात्रों ने पहले ही अपनी पढ़ाई पूरी करने के साथ वर्क परमिट प्राप्त कर लिया है और वर्क एक्सपीरियंस भी प्राप्त कर लिया है। मगर पीआर के लिए आवेदन करने पर इस फ्रॉड का खुलासा हुआ।
जानकारों के मुताबिक़ ये एजुकेशन फ्रॉड अपनी तरह का पहला है जो कनाडा में सामने आया। एक्सपर्ट मान रहे हैं कि इतनी बड़ी धोखाधड़ी के पीछे कनाडा में बड़ी संख्या में आवेदन का आना है।