वायु सेना अपने परिवहन बेड़े को और भी आधुनिक बनाने की कोशिश कर रही है। इसके लिए कुछ बदलाव किये जायेंगे। इन परिवर्तनों के तहत भारतीय वायु सेना के सोवियत काल के ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट एएन-32 की स्थान पर अब यूरोपीय कंपनी एयरबस के सी-295 विमान लिए जायेंगे। इन विमानों का निर्माण भारत में ही किया जा रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ सी-295 मध्यम परिवहन विमान को टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (TASL) और यूरोपीय फर्म एयरबस डिफेंस एंड स्पेस के सहयोग से भारत में निर्माण किया जाएगा।
भारतीय वायु सेना इस समय 90 एएन-32 विमानों को संचालित कर रही है। इन विमानों की तैनाती लद्दाख तथा पूर्वोत्तम सहित देश के कई हिस्सों में है। माना जा रहा है कि सी-295 विमान एएन-32 की भूमिकाओं को पूरा करने में सक्षम है और यह परिवर्तन एक बेहतर बदलाव साबित होगा।
भारतीय वायुसेना ने सितंबर 2021 में यूरोप की एयरबस के साथ करार किया था। इस समझौते के तहत 40 एयरक्राफ्ट का निर्माण भारत में ही टाटा कंपनी के साथ मिलकर किया जाना तय हुआ था। रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक़ एयरक्राफ्ट के निर्माण में 96 हिस्सेदारी भारत की होगी। जानकारी के मुताबिक़ भारत में तैयार इन विमानों की आपूर्ति 2026 से 2031 के बीच होगी। वहीं पहले के 16 विमान 2023 से 2025 के बीच आएंगे।