डच अर्थशास्त्री रॉबिन फ्रैंसमैन का कोरोना संक्रमण के चलते 53 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्हें एम्स्टर्डम के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां 28 दिसंबर को उनकी मृत्यु हो गई। सोशल मीडिया पर कोविड टीकों की आलोचना करने वाले फ्रैंसमैन ने वैक्सीन नहीं लगवाई थी।
3 दिसंबर को फ्रांसमैन ने ट्विट करके अपने कोरोना संक्रमित होने की जानकारी दी थी। अर्थशास्त्री रॉबिन फ्रैंसमैन को कोरोना वैक्सीन पर भरोसा नहीं था और उन्होंने लॉकडाउन की भी मुखालिफत की थी।
फ्रैंसमैन ने लॉकडाउन के उपायों का विरोध किया था। उनका तर्क था कि कोरोना वायरस, लॉकडाउन प्रतिबंधों ने समाज को काफी नुकसान पहुंचाया है।
फ्रैंसमैन वित्तीय क्षेत्र में एक पैरवीकार रहे हैं और साथ ही वे हर्स्टेल-एनएल संगठन के सह-संस्थापकों में से एक थे। 2021 की शुरुआत में फ्रैंसमैन के संगठन ने लॉकडाउन के बजाय डच समाज को फिर से खोलने की योजना का प्रस्ताव रखा। संगठन ने लॉकडाउन को खत्म करने और “सुरक्षित क्षेत्र” बनाने का प्रस्ताव रखा, जो केवल कमजोर लोगों और बुजुर्गों द्वारा इस्तेमाल किए जाने के लिए डिजाइन किया गया था।