ग्लासगो, 04 नवंबर: स्वीडिश पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने ग्लासगो में क्लाइमेट चेंज पर चल रहे संयुक्त राष्ट्र शिखर सम्मेलन में विरोध करने का फैसला किया। साथ ही उन्होंने कहा कि COP26 शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले विश्व नेता केवल जलवायु परिवर्तन को गंभीरता से लेने का नाटक कर रहे हैं।
Time is running out. Change won’t come from these conferences like #COP26 unless there is big public pressure from the outside.
Join the climate strike this Friday (Kelvingrove Park 11am), and the climate march Saturday (11.30am) to make your voice heard. Together we are strong. pic.twitter.com/BYoVHukkyM— Greta Thunberg (@GretaThunberg) November 2, 2021
इको-एक्टिविस्ट ग्रेटा ने सोशल मीडिया पर ट्वीट किया है कि – “समय समाप्त हो रहा है। #COP26 जैसे सम्मेलनों से परिवर्तन तब तक नहीं आएगा जब तक कि इन पर बाहर से कोई बड़ा सार्वजनिक दबाव न हो। इस शुक्रवार (केल्विंग्रोव पार्क 11 पूर्वाह्न) और शनिवार (11.30 बजे) को जलवायु मार्च हड़ताल में शामिल हों और अपनी आवाज बुलंद करें। हम साथ हैं तो मजबूत हैं।”
ग्लासगो में 31 अक्टूबर से 12 नवंबर तक आयोजित COP26 शिखर सम्मेलन का उद्देश्य पेरिस समझौते और जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन के लक्ष्यों की दिशा में कार्रवाई में तेजी लाने के लिए देशों को एक साथ लाना है। इस सम्मेलन के दौरान, पार्टियों से ग्रीनहाउस उत्सर्जन को कम करने और कार्बन तटस्थता प्राप्त करने के लिए कई लक्ष्यों और समझौतों को अपनाने की उम्मीद है।