मुंबई 07 सितंबर : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने सोमवार को कहा कि हिंदू और मुस्लिम एक ही वंश के हैं और प्रत्येक भारतीय नागरिक एक ‘हिंदू’ है। पुणे स्थित ग्लोबल स्ट्रेटेजिक पॉलिसी फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में श्री भागवत ने कहा कि “समझदार” मुस्लिम नेताओं को कट्टरपंथियों के खिलाफ मजबूती से खड़ा होना चाहिए।
उन्होंने कहा, “हिंदू शब्द मातृभूमि, पूर्वजों और भारतीय संस्कृति के बराबर था। यह अन्य विचारों का अपमान नहीं है। हमें भारतीय प्रभुत्व हासिल करने के बारे में सोचना होगा, न कि मुस्लिम प्रभुत्व।” उन्होंने कहा कि भारत के सर्वांगीण विकास के लिए सभी को मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा, “इस्लाम आक्रमणकारियों के साथ भारत आया। यह इतिहास है और इसे उसी तरह बताया जाना चाहिए। समझदार मुस्लिम नेताओं को अनावश्यक मुद्दों का विरोध और कट्टरपंथियों के खिलाफ मजबूती से खड़ा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसे जितनी तेजी के साथ किया जायेगा हमारे समाज का उतना ही कम नुकसान होगा।”
श्री भागवत ने कहा कि एक महाशक्ति के रूप में भारत किसी को नहीं डराएगा। “राष्ट्र सबसे पहले, राष्ट्र सर्वोच्च” नामक एक संगोष्ठी में उन्होंने कहा, “हिंदू शब्द हमारी मातृभूमि, पूर्वजों और संस्कृति की समृद्ध विरासत के बराबर है, और प्रत्येक भारतीय एक हिंदू है।”
इस अवसर केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और कश्मीर केंद्रीय विश्वविद्यालय के चांसलर लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन (सेवानिवृत्त)ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया। श्री खान ने कहा कि अधिक विविधता एक समृद्ध समाज की ओर ले जाती है और भारतीय संस्कृति सभी को समान मानती है।
लेफ्टिनेंट जनरल हसनैन ने कहा कि मुस्लिम बुद्धिजीवियों को भारतीय मुसलमानों को निशाना बनाने के पाकिस्तान के प्रयासों को विफल करना चाहिए।