कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए किए गए लॉक डाउन की वजह से प्रवासी मजदूरों की स्थिति खराब है. प्रवासी मजदूर अपने कामकाज के ठप होने की वजह से चिंतित हैं और इस वजह से वह अपने घर जाना चाहते हैं.
प्रवासी मजदूर अब भी आपको अपने घर जाने के लिए सड़क पर पैदल चलते हुए दिख जाएंगे. आप रोज ऐसी खबरें पढ़ते होंगे कि कहीं एक्सीडेंट की वजह से 5 मजदूरों की मौत हो गई तो कहीं रेलवे की पटरी पर चलने की वजह से या सोने की वजह से मजदूरों की मौत हो गई.
इस बीच रेलवे ने खबर दी है कि 1 मई से श्रमिक स्पेशल ट्रेन के माध्यम से अब तक 10,00,000 से अधिक प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचा दिया गया है.
भारतीय रेल ने सोशल मीडिया साइट ट्विटर पर एक मैसेज के माध्यम से यह जानकारी दी है कि 1 मई 2020 से भारतीय रेल ने 800 ट्रेन में कम से कम 10,00,000 श्रमिकों को उनके घर तक पहुंचाने में सफलता हासिल की है.
कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए किये गए लॉकडाउन 3.0 की मियाद अब पूरी होने वाली है. इस बीच रेलवे ने प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए श्रमिक स्पेशल और अपने घर से दूर फंसे लोगों के लिए एसी स्पेशल ट्रेन चलाई है.
एसी स्पेशल ट्रेन के बाद अब रेल मंत्रालय स्पेशल मेल और एक्सप्रेस ट्रेन चलाने की तैयारी कर रहा है. इन ट्रेनों के लिए टिकट की बुकिंग आईआरसीटीसी की वेबसाइट से ही हो सकती है. लॉक डाउन की वजह से लोगों की समस्या को देखते हुए रेलवे 12 मई से 15 जोड़ी ट्रेन चला रहा है. ये ट्रेन दिल्ली-मुंबई, दिल्ली-पटना, दिल्ली रांची जैसे शहरों को जोड़ रही है. इन ट्रेनों के लिए टिकटों की भारी डिमांड है.
लॉकडाउन की वजह से देशभर में फंसे लाखों लोग यात्रा न कर पाने से परेशान है, ये लोग अब पैदल ही अपने घर की ओर निकल पड़े हैं. रेलवे के आंकड़ों के मुताबिक बुधवार तक स्पेशल ट्रेनों में सफर के लिए 2,08,965 लोग अगले सात दिनों की यात्रा के लिए टिकट बुक करवा चुके हैं.