केरल में एक बार फिर निपाह वायरस का प्रकोप फैलता दिख रहा है। यहां के कोच्चि में एक छात्र को निपाह वायरस की चपेट में आने का संदेह था, जिसके बाद पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान(एनआईवी) ने जांच के बाद रिपोर्ट पॉजिटिव बताया है। जानिए इस जानलेवा बीमारी से कैसे करें बचाव
केरल में एक बार फिर निपाह वायरस ने दस्तक दे दी है। केरल की स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने निपाह वायरस के पहले मामले की पुष्टि की है। दरअसल, कोच्चि में एक छात्र को निपाह वायरस की चपेट में आने का संदेह था, जिसके बाद पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान(एनआईवी) ने जांच के बाद रिपोर्ट पॉजिटिव बताया है। निपाह वायरस के एक बार फिर सामने से लोगों में दहशत का माहौल है। आईए जानते है क्या है निपाह वायरस और इसके लक्षण
#Replug | How a team of Kerala doctors helped detect the presence of the deadly Nipah virus in record timehttps://t.co/VvQk8LMaQ4 pic.twitter.com/hm9lab5yx5
— Scroll.in (@scroll_in) June 4, 2019
क्या है निपाह वायरस?
निपाह एक तरह का दिमागी बुखार है, जिसका संक्रमण तेजी से फैलता है। चिकित्सा शोध से पता चलता है कि यह चमगादड़ और सूअर के जरिए इंसानों में तेजी में फैलता है। जो फल चमगादड़ या सूअर के संपर्क में आते हैं, उन्हीं के जरिए यह बीमारी इंसानों तक पहुंचती है। संक्रमण के 48 घंटे के भीतर यह व्यक्ति को कोमा में पहुंचा देती है। इसकी जद में जो भी व्यक्ति आता है उसे सांस लेने में दिक्कत के साथ सिर में भयानक पीड़ा और तेज बुखार होता है।
कहा जाता है कि इस वायरस की पहचान 1998 में सबसे पहले मलेसिया में हुई थी। उस वक्त इस बीमारी की चपेट में 250 से अधिक लोग आए थे। 40 फीसदी से अधिक लोगों की मौत हो गई थी।
अभी तक बीमारी से लड़ने के लिए देश में किसी भी प्रकार के टीके या वैक्सीन का इजाद नहीं हुआ है। वायरस की जांच के लिए सिर्फ पुणे में एक प्रयोगशाला है। फिर हम यह कैसे दावा करते हैं कि निपाह से लड़ने के लिए सारी तैयारियां मुकम्मल हैं।
क्या है निपाह वायरस के लक्षण
यह इंसान और जानवरों में फैलने वाला संक्रमण है। मनुष्यों में निपाह वायरस की वजह से ब्रेन में सूजन आ जाती है।
बुखार, सिरदर्द, चक्कर, मानसिक भ्रम होता है। रोगी को सांस संबंधित समस्या का भी सामना करना पड़ सकता है।
ऐसे करें बचाव
इस बीमारी से बचने के लिए फलों, खासकर खजूर खाने से बचना चाहिए। पेड़ से गिरे फलों को नहीं खाना चाहिए। बीमार सुअर और दूसरे जानवरों से दूरी बनाए रखनी चाहिए। संक्रमित व्यक्ति से दूरा बनाएं रखें।