नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी एक बार फिर विवादो के घेरे में है। इस बार विवाद की वजह बने हैं विधायक करतार सिंह। आयकर विभाग के अधिकारियों के मुताबिक करतार सिंह के पास 130 करोड़ रुपए की बेनामी संपत्ति है। आयकर विभाग के छापों के दौरान करतार सिंह तंवर और उनके सहयोगियो के यहां से बड़े पैमाने पर संपत्तियों की खरीद फरोख्त से जुड़े दस्तावेज बरामद हुए हैं।
विधायक और उसके सहयोगियों पर यह भी आरोप है कि उन्होंने अपनी आय छुपाने के अलावा खुद ही दिल्ली सरकार को स्टाम्प ड्यूटी औऱ रजिस्ट्रेशन फीस ना देने का चूना लगाया। इस घोटाले से संबंधित दो दर्जन कंपनियों की भी जांच की जा रही है। आय़कर विभाग जल्द ही करतार सिंह को नोटिस जारी कर सकता है।
आयकर विभाग ने जुलाई महीने में करतार सिंह तवंर और उसके सहयोगियो के यहां छापेमारी की थी। आयकर विभाग को पता चला था कि करतार सिंह और उसके सहयोगी अपनी आय छुपा रहे है और कई कंपनियों को सामने रख कर आय छुपाने की कोशिश की जा रही है। छापो के दौरान आयकर विभाग को करतार सिंह और उसके सहयोगियो के यहां से लगभग एक करोड रुपए की नगदी और जेवरात बरामद हुए थे। आय़कर विभाग के सूत्रों के मुताबिक, छापों के दौरान अनेक ऐसे दस्तावेज मिले जिनसे पता चलता है कि दक्षिण दिल्ली में अनेक फार्म हाऊसों और बेनामी संपत्तियों की कच्चे कागजों औऱ नगदी के आधार पर खरीद फरोख्त की गई थी।
सूत्रों ने बताया कि इन जमीनों और फार्म हाऊसों की खरीद फरोख्त के लिए कई कंपनियों का सहारा लिया गया था। वहीं कई लोगों को लोन देने और लोन लेने के अलावा एंडवास पैसे दिए जाने के दस्तावेज भी शामिल है। आयकर विभाग को शक है कि इनमें से कई कंपनियों को केवल नाम के लिए दिखाया गया है। इनमें से कुछ कंपनियां कोलकाता की भी बताई गई है। आयकर विभाग के एक आला अधिकारी ने बताया कि अब तक की पूछताछ के दौरान करतार सिंह आयकर विभाग को संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए है।
आयकर विभाग के सूत्रों के मुताबिक, छापों के दौरान जेवरात औऱ एफडी में करोडो रुपये खर्च किए जाने के दस्तावेज मिले है औऱ कुछ विदेशी उपहारों से संबंधित दस्तावेज भी मिले है, जिनकी जांच की जा रही है। आयकर विभाग इस मामले में दो दर्जन से ज्यादा कंपनियों की भी जांच कर रहा है। जिनमें से कुछ में करतार सिंह भी निदेशक बताए गए हैं।