अयोध्या मामले में मध्यस्थता कमेटी की पहली बैठक से एक दिन पहले मंगलवार को बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी ने मुस्लिम पक्षकारों और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर रणनीति तय की। इस दौरान मध्यस्थता कमेटी में श्रीश्री रविशंकर को शामिल करने पर एतराज जताया गया।
बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा, श्रीश्री कुछ दिन पहले इस मामले में विवादित बयान दे चुके हैं। इस वजह से अयोध्या के साधु-संत उन्हें पैनल में शामिल करने से नाराज हैं। हम भी साधु-संतों के साथ हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या प्रकरण को बातचीत के जरिए मध्यस्थता से निपटाने के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है। समिति में श्रीश्री रविशंकर को भी नामित किया गया है। मध्यस्थता कमेटी को मंगलवार को अयोध्या में प्रकरण से जुड़े पक्षकारों से बातचीत कर अपना काम शुरू करना था।
इस बीच मुस्लिम पक्षकारों और धर्मगुरुओं की मंगलवार को राजधानी के नदवा कॉलेज में हुई बैठक को काफी अहम माना जा रहा है।
बैठक में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना सैयद राबे हसनी नदवी, महासचिव मौलाना वली रहमानी, बोर्ड के सचिव एवं बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक जफरयाब जीलानी, कार्यकारिणी सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली, दारुलकजा कमेटी के संयोजक मौलाना अतीक बस्तवी, जमीयत उलमा ए हिंद के प्रदेश अध्यक्ष मौलाना अशहद रशीदी, मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी, हाजी महबूब अली, मौलाना महफूजुर्रहमान सहित बोर्ड के अन्य पदाधिकारी शामिल थे।