तुर्की के इस्तांबूल शहर में स्थित त्शामलीजा मस्जिद को देश की सबसे बड़ी मस्जिद का दर्ज़ा मिला है । जिसका गुरुवार को उदघाटन किया गया है। इस मस्जिद में एक साथ 50 हज़ार लोग नमाज़ अदा कर सकते हैं।
पारश टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक इस मस्जिद का निर्माण उसमानी शासनकल की वास्तुकला के आधार पर किया गया है और इसमें कई एतिहासिक इमारतें शामिल हैं।
गुरुवार की सुबह को इस मस्जिद में फज्र की आज़ान दी गई और इसी अज़ान से मस्जिद का उद्घाटन हो गया। इस्तांबूल के इस्कूदार इलाक़े में स्थित यह मस्जिद बहुत ख़ूबसूरत है। मस्जिद के उद्घाटन के समय सुबह की नमाज़ अदा करने के लिए जहां बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हुए वहीं उनमें पूर्व प्रधानमंत्री बिन अली येल्दरीम सहित अनेक अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया। वह इसी महीने के अंत में इस्तांबूल में होने वाले चुनावों में मेयर पद के उम्मीदवार हैं।
इस मस्जिद का निर्माण इस्तांबूल में एक ऊंचे टीले पर किया गया है। मस्जिद इस तरह से बनाई गई है कि यह इस्तांबूल शहर की पहिचान बन जाए।
मस्जिद का निर्माण 15 हज़ार वर्गमीटर के भूभाग पर किया गया है। मस्जिद में कान्फ्रेन्स हाल, इस्लामी अवशेषों का संग्रहालय, एक पुस्तकालय तथा एक थिएटर हाल भी बनाया गया है।
मस्जिद में 6 मीनार हैं जिनमें चार की ऊंचाई 107 मीटर से भी अधिक है जबकि दो मीनारों की ऊंचाई 90 मीटर है। इसके मुख्य गुंबद की ऊंचाई 72 मीटर है और इसका व्यास 34 मीटर है।
मीनार की ऊंचाई 107 मीटर इसलिए रखी गई है कि इसमें वर्ष 1071 में ब्रिटेन और तुर्कों के बीच होने वाले युद्ध में तुर्कों की विजय की ओर इशारा है।
मस्जिद के आस पास 30 हज़ार वर्गमीटर के भूभाग पर गार्डन और पार्क बनाया गया है ताकि यहां आने वाले लोग पार्क का आनंद भी ले सकें।
बिन अली येल्दरीम ने कहा कि इस मस्जिद से इस्तांबूल शहर की ख़ूबसूरती और बढ़ गई है।