पर्दे में रहने दो, पर्दा ना उठाओ…. ये गाना तो आपने खूब सुना होगा, लेकिन कोई अगर चाहे कि वह लाखों लोगों की नुमाइंदगी तो करे और उसके चेहरे से पर्दा भी न उठाया जाय तो आप क्या कहेंगे?
बात हैरान करने वाली है लेकिन पाकिस्तान की चुनावी मैदान में एक मोहतरमा ठीक यही कह रही हैं. यकीन न हो तो इस चुनावी पोस्टर को देख लीजिए.
पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में इस समय आम चुनाव की सरगर्मी है. इसी चुनावी सरगर्मी के दौरान चुनावी पोस्टर-बैनर से पूरा पाकिस्तान पटा हुआ है. लेकिन एक पोस्टर ऐसा है जिसे देख कर लोग चक्कर में पड़ जाते हैं.
किसी भी राजनीतिक पार्टी का महिला या पुरुष उम्मीदवार का रैलियों में प्रचार करना या उनका चेहरा पोस्टर बैनर में कितना महत्वपूर्ण होता है. यह तो सभी जानते हैं लेकिन क्या आपने कभी ऐसा देखा है कि कोई भी राजनीतिक पार्टी अपनी महिला उम्मीदवार का चेहरा ही चुनावी मैदान में न उतारे? ऐसी ही एक तस्वीर आजकल सोशल मीडिया में वायरल हो रही है, जिसमें एक चुनावी पोस्टर में उस उसके राजनीतिक पार्टी के बड़े पुरुष नेताओं के तस्वीर तो छपी हुई है. लेकिन उसी पोस्टर में उनके महिला उम्मीदवार के चेहरे के बदले “बिना चेहरे की तस्वीर” लगी हुई है. ठीक नीचे उर्दू में उनका नाम और एक नंबर NA 125 अंकित है.
अब सिर्फ नाम और नंबर से सिर्फ कोई किसी पार्टी का चुनावी उम्मीदवार हो सकता है?
पोस्टर पर छपे शब्द उर्दू में हैं. ज्यादातर इसे पाकिस्तान के लोगों के द्वारा सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है. जैसा कि अगले हफ़्ते ही 25 जुलाई 2018 को पाकिस्तान में होने वाले आम चुनाव के लिए मतदान होने हैं. पाकिस्तान में कुल छोटी-बड़ी 107 रजिस्टर्ड राजनीतिक पार्टियां हैं. इन पार्टियों के कुल 3765 उम्मीदवार नेशनल असेंबली के इन चुनावों में अपनी किस्मत आज़मा रहे हैं. अब इसमें से एक पोस्टर पर छपी तस्वीर और एक नंबर के सहारे हमने जब ख़ोज-बीन की तो पता चला कि यह पोस्टर तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान पार्टी के लाहौर के उम्मीदवार मैमुना हामिद की है.
पाकिस्तान के नेशनल असेंबली नंबर 125 से निर्दलीय समेत कुल 15 उम्मीदवार चुनाव के मैदान में अपना भाग्य आज़मा रहे हैं. जिसमें 5 महिला उम्मीदवार भी शामिल हैं. उन्हीं 5 महिला उम्मीदवारों में से पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ की बेटी मरियम नवाज़ ने भी उमीदवारी का पर्चा भरा था.
तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान पार्टी ने देश के कुल 278 सीटों पर 180 उम्मेदारों को चुनावी मैदान में उतारा है. लेकिन पार्टी के किसी भी महिला उम्मीदवार को रैलियों में प्रचार करने की अनुमति नहीं है. न ही उनकी तस्वीर किस चुनावी पोस्टर-बैनर पर लगती है. लगती है तो बस “बिना चेहरे की तस्वीर”. इस पार्टी की पुरातन सोच और विचारधारा के अनुसार महिलाओं का चेहरा ढका हुआ होना चाहिए.
सोशल मीडिया में पाकिस्तान के लोग इस पोस्टर में महिला उमीदवार की तस्वीर नहीं होने पर जमकर विरोध जता रहे हैं.
वैसे तो पाकिस्तान में 3 बड़े दल हैं, जिसकी वहां के सत्ता में पकड़ है. लेकिन इस बार कुछ कट्टरपंथी और धार्मिक संगठन भी इस बार देश में हो रहे हैं, आम चुनाव में कूद पड़े हैं. उसी में से यह एक पार्टी है “तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान पार्टी”. इसके मुखिया हैं खालिद हुसैन रिज़वी जो ट्विटर पर अपने आप को महान विद्वान बताते हैं और रखते है दकियानूसी सोच.
पाकिस्तान की न्यूज वेबसाइट डॉन के अनुसार, ख़ालिद हुसैन रिज़वी पहले पाकिस्तान के पंजाब सरकार के रिलीजियस अफेयर डिपार्टमेंट में अधिकारी रह चुके हैं. अधिकारी रहते वो वहां पर अपनी दकयानूसी सोच और भड़काने वाले भाषण देते रहते थे, जिसके लिए उन्हें नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया.
2018 का पाकिस्तान आम चुनाव इस बार कई मायनों में अलग होने वाला है. लेकिन इस तरह की कट्टरपंथी सोच रखने वाली कई और राजनैतिक पार्टियां भी चनावी मैदान में हैं, जिसमें से एक प्रमुख पार्टी आतंकवादी हाफ़िज़ सईद की भी है, जिसने पहले “मिल्ली मुस्लिम लीग” के बैनर तले अपनी पार्टी का रजिस्ट्रेशन करवाया. लेकिन जब पाकिस्तान चुनाव ने इस पर रोक लगा दी तो “अल्लाह हो अकबर तहरीक” नामक पार्टी के बैनर तले सारे आतंकवादियों को चुनाव के मैदान में उतार दिया. इसी सोच के साथ पाकिस्तान की सत्ता में आने को बेताब है इस तरह के चरमपंथी गुट.
पाकिस्तान में दूसरे राजनीतिक दलों के प्रमुख महिला नेताओं को स्टार प्रचारकों के रूप में भी रखा है. साथ ही महिला उम्मीदवार भी जोर-शोर से चुनाव प्रचार में लगी हैं. वहीं “तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान पार्टी” ने महिला उम्मीदवारों का चेहरा ही गायब कर दिया है. यहां तक कि महिला उम्मीदवार रैलियों के माध्यम से भी चुनावी अभियान में हिस्सा नहीं ले सकते हैं. उनके बदले तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान पार्टी के मुखिया हैं. ख़ालिद हुसैन रिज़वी और अन्य दूसरे पुरुष नेताओं ने ही चुनावी प्रचार की कमान संभल रखी है.