रियो डि जेनेरियो। दुनिया को ग्लोबल वार्मिग के कहर से बचाने के संदेश के साथ रियो के माराकाना स्टेडियम में 31th ओलिंपिक गेम्स की ओपनिंग सेरेमनी शुरू हो चुकी है। बीजिंग ओलिंपिक के गोल्ड मेडल विनर अभिनव बिंद्रा भारतीय टीम प्लेयर्स को लीड किया। बता दें कि रियो में कुल 43 गेम्स का आयोजन होगा। रियो के 32 तथा 5 अन्य सिटी में ये खेल होंगे। दक्षिण अमेरिका में पहली बार ओलिंपिक का आयोजन हो रहा है।
ओपनिंग सेरेमनी में सुपरमॉडल गिजेले बुंडाचेन का 500 मी. तक लंबा कैटवॉक और सांबा डांस सुर्खियों में रहा। लेजेंड फुटबॉलर पेले तबीयत खराब होने की वजह से ओपनिंग सेरेमनी में नहीं आ सके। उनकी जगह ब्राजील ओलिंपियन और पूर्व वर्ल्ड नंबर वन टेनिस स्टार गुस्टावो कुर्टेन ने मशाल जलाई। आज शूटिंग, हॉकी समेत भारत के कई मुकाबले हैं। बीजिंग में भारत ने 3, लंदन में 6 मेडल जीते थे। इस बार 12 मेडल की उम्मीद की जा रही है। भारत के 119 खिलाड़ी 15 गेम्स में हिस्सा लेंगे। भारत का ओलिंपिक में गया ये सबसे बड़ा दल है। लंदन गेम्स (2012) में 83 खिलाड़ी थे। भारतीय दल में 56 महिला खिलाड़ी हैं। इनमें से 5 मेडल की दावेदार बताई जा रही हैं।
– भारत के लिहाज से 6, 7, 8, 12, 13, 15, 17, 18, 19, 21 अगस्त अहम दिन हैं। 19 अगस्त को पता चलेगा कि नरसिंह यादव का जाना सही रहा या नहीं। भारत को जिन गेम्स में पदक की आस है उनमें शूटिंग, तीरंदाजी, रेसलिंग, बॉक्सिंग, बैडमिंटन और टेनिस हैं। परेड में भारत 95 नंबर पर है। भारत का झंडा अभिनव बिंद्रा (शूटिंग) थामा।
जबकि अमेरिका की अपने 1000वें गोल्ड पर नजर होगी। 976 गोल्ड जीतकर है नंबर वन। भारत 51st नंबर पर है।
ओलिंपिक के इनॉगरेशन पर 2.1 करोड़ डॉलर खर्च होंगे।17 दिन तक इन 8 मुकाबलों पर पूरी दुनिया की नजर होगी।
इन खिलाड़ियों पर रहेगी नजर
13-14 अगस्त: 100 मीटर दौड़। यूसेन बोल्ट हारेंगे या नया रिकॉर्ड बनाएंगे।
9, 10 अगस्त: स्वीमिंग। संन्यास से लौटे माइकल फेल्प्स गोल्ड जीतेंगे या खाली हाथ लौटेंगे। फेल्प्स 18 गोल्ड समेत 22 मेडल जीत चुके हैं। ओलिंपिक में ये किसी खिलाड़ी के सबसे ज्यादा गोल्ड हैं।
- 100 मीटर दौड़ :बोल्ट vs गैटलिन। वर्ल्ड चैंपियनिशप-2015 में बोल्ट ने 100 मी., 200 मी. रेस में गैटलिन को पीछे छोड़कर गोल्ड जीता। पिछले दो ओलिंपिक में बोल्ट ने 100 मीटर, 200 मीटर और 4 गुणा 100 में स्वर्ण पदक जीता। ओलिंपिक-2004 में 100 मी. में गैटलिन ने गोल्ड जीता था।
- पुरुष बैडमिंटन :लिन डैन (चीन) और ली चोंग वेई (मलेशिया) के बीच 31 मुकाबले हुए। लिन डैन ने 22 जीते। दोनों बीजिंग और लंदन ओलिंपिक फाइनल में आमने-सामने हुए। लिन डैन ही चैंपियन बने। ली चोंग वेई की रैंकिंग 1 है व डैन की 3।
- पुरुष स्वीमिंग :फेल्प्स को चाड ली क्लोस चुनौती देंगे। साउथ अफ्रीका के क्लोस ने 2012 में 100 मीटर में फेल्प्स को पीछे छोड़कर गोल्ड जीता।फेल्प्स ने 2012 ओलिंपिक में 4 स्वर्ण जीते थे।
- पुरुष टेनिस :2008 ओलिंपिक में एंडी मरे पहले दौर में हारे। सर्बिया के नोवाक जोकोविच को कांस्य मिला। 2012 ओलिंपिक में मरे ने सेमीफाइनल में जोकोविच को हराया। गोल्ड जीता। जोकोविच चौथे पर रहे। आपसी मुकाबलों में जोकोविच 24, मरे 10 बार जीते।
- पुरुष फुटबॉल :5 बार वर्ल्ड चैंपियन रह चुका ब्राजील फुटबॉल में ओलिंपिक में गोल्ड कभी भी नहीं जीत सका है। अर्जेंटीना ने 2004 और 2008 में लगातार दो बार गोल्ड पर कब्जा किया है। दोनों में 102 मैच हुए। ब्राजील 39, अर्जेंटीना 37 जीता।
- महिला स्वीमिंग :200 मी फ्रीस्टाइल के ट्रायल में लेडेकी ने मिसी को हराया। हालांकि दोनों ने क्वालिफाई किया। मिसी ने लंदन में चार गोल्ड जीते थे। जबकि लेडेकी सिर्फ एक ही गोल्ड जीत सकीं थीं। मिसी लेडेकी को हराकर विश्व चैंपियन बनीं थीं।
- महिला बैडमिंटन: पिछले 4 ओलिंपिक से चीन ने महिला सिंगल्स का गोल्ड जीता। लंदन में साइना ने ब्रॉन्ज जीता था। इस बार चीन की ओर से ली जुएरुई (वर्ल्ड नंबर 3) और यिहान वांग (वर्ल्ड नंबर 2) चुनौती पेश करेंगी। भारत की चुनौती साइना और पीवी सिंधु संभालेंगी।
- ओवरऑल :सिडनी ओलिंपिक-2000 से मेडल टेबल में पहले दो स्थान पर अमेरिका-चीन का कब्जा है। 2008 में चीन ने अमेरिका को पीछे छोड़ पहला स्थान पाया। 2012 में अमेरिका टॉप पर लौटा। एथलेटिक्स में अमेरिका, डाइविंग में चीन का दबदबा।