शिलॉन्ग। मेघालय के राजधानी शिलॉन्ग में हालत हिंसक बनती जा रही हैं। हालांकि रविवार को कुछ में हिस्सों में कर्फ्यू में 7 घंटे की ढील दी गई। कर्फ्यू में ढील इसलिए दी गई हैं ताकि चर्च जाने वाले लोग प्रार्थना करने जा सके। वहीँ शिलॉन्ग के कुछ इलाकों में सुरक्षा बलों की संख्या बढ़ा दी हैं। शिलॉन्ग के जीएस रोड पर प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षाबलों पर पेट्रोल बम और पत्थर फेंके जिसके जवाब में सुरक्षाबलों को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। पांच लोगों को गिरफ्तार भी किया गया हैं।
मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने एक प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि गुरुवार को भड़की हिंसा एक खास मुद्दे को लेकर हुई हैं। इसमें दो समुदाय जरूर शामिल हैं, लेकिन इसको सांप्रदायिक रंग दिया गया हैं। यह सांप्रदायिक हिंसा नहीं हैं। यह स्थानीय मुद्दे को लेकर हुई हिंसा हैं। शिलॉन्ग पूर्वी खासी हिल्स जिले में हैं और जो लोग गिरफ्तार किए गए हैं वो यहां के नहीं हैं। जो लोग हिंसा भड़का रहे हैं उनका जल्द ही पता लगा लिया जायेगा।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने भी ट्वीट कर लोगो से शांति बनाये रखने की अपील की हैं। उन्होंने ट्वीट किया कि अफवाहों पर ध्यान न दे। मेघालय में अल्पसंख्यक सिख समुदाय के किसी भी गुरुद्वारे को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। राज्य सरकार सामान्य स्थिति बनाने के लिए पूरा प्रयास कर रही हैं। बता दें की यह हिंसा एक अल्पसंख्यक समुदाय के धार्मिक स्थलों में तोड़फोड़ की अफवाह से हुई हैं। वहीँ सोमवार पंजाब के कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर रंधावा सहित पांच लोगों की शिलॉन्ग भेजी गई हैं। यह टीम हिंसा वाले इलाकों का दौरा करेंगी और पीड़ित समुदाय को मदद मुहैया कराएगी।