सैयद हसन नसरुल्लाह के अनुसार हिज़्बुल्लाह से विरोधियों के मुकाबले की शैली, प्रतिबंध और वित्तीय स्रोतों तक हिज्ज़ुल्लाह की पहुंच को रोकना और इसी प्रकार उस पर आरोप लगाना है।
इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हिज़्बुल्लाह के महासचिव ने दक्षिणी लेबनान की स्वतंत्रता की वर्षगांठ पर आंतरिक और अंतरराष्ट्रीय परिवर्तनों की समीक्षा करते हुए कहा है कि इस समय सबसे महत्वपूर्ण विषय लेबनानी सरकार का गठन है।
सैयद हसन नसरुल्लाह ने लेबनान की आगामी सरकार को देश की समस्याओं का उपचार बताया।
सैय्यद हसन नसरुल्लाह के अनुसार इस समय लेबनान की सबसे महत्वपूर्ण चुनौती भ्रष्टाचार, सीमा से अधिक खर्च और स्रोतों का नष्ट होना है और सरकार को चाहिये कि वह इन चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए उचित नीति अपनाये।
यह विषय इतना महत्वपूर्ण है कि सैयद हसन नसरुल्लाह ने उसके प्रति चेतावनी दी है और कहा है कि अगर यह स्थिति जारी रही तो लेबनान तबाही की ओर चला जायेगा।
सैय्यद हसन हसन नसरुल्लाह ने इसी प्रकार सीरिया के परिवर्तनों और ईरान से हिज़्जुल्लाह की निकटता की ओर संकेत किया।
सीरिया में आतंकवाद की हार का अर्थ क्षेत्र में ईरान के नेतृत्व में प्रतिरोध की मज़बूती है। इस आधार पर लेबनान के खिलाफ आर्थिक और राजनीतिक हमले का लक्ष्य क्षेत्र में प्रतिरोध को मज़बूत होने की प्रक्रिया को रोकना है।
सैयद हसन नसरुल्लाह के अनुसार हिज़्बुल्लाह से विरोधियों के मुकाबले की शैली भी प्रतिबंध और वित्तीय स्रोतों तक हिज्ज़ुल्लाह की पहुंच को रोकना और इसी प्रकार उस पर आरोप लगाना है।
एक महत्वपूर्ण बिन्दु, जिसे हिज़्बुल्लाह के महासचिव ने कल बयान किया, यह था कि अमेरिकी सरकार ने हिज़्बुल्लाह के जिन व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगाया है वे लेबनानी नागरिक हैं और देश की सरकार लेबनानी नागरिकों की सुरक्षा के प्रति जिम्मेदार है।
लेबनान के इस्लामी आंदोलन हिज़्बुल्लाह से मुकाबले का विरोधियों का एक मार्ग उस पर निराधार आरोप लगाना है।
मोरक्को सरकार के उस निराधार आरोप को इसी परिप्रेक्ष्य में देखा जा सकता है जिसमें उसने ईरान और हिज़्बुल्लाह पर पोलिसारियो मोर्चे के समर्थन का आरोप लगाया है। बहरहाल लेबनानी जनता का इस देश में होने वाले हालिया संसदीय चुनावों में हिज़्बुल्लाह के एकजुट मोर्चे के पक्ष में मत देना, वास्तव में हिज़्बुल्लाह के खिलाफ किये जाने वाले षडयंत्रों की विफलता का सूचक है।