अमरीका ने खुली ग़ुंडागर्दी दिखाते हुए फ़िलिस्तीनी शहर बैतुल मुक़द्दस को इस्राईल की राजधानी के रूप में मान्यता देते हुए अमरीकी दूतावास तेल अबीब से बैतुल मुक़द्दस स्थानान्तरित करने की घोषणा की।
बताया जाता है कि कुछ ही दिनों में वह अमरीका का दूतावास बैतुल मुक़द्दस स्थानान्तरित कर देंगे। मगर बैतुल मुक़द्दस नगर की ज़ायोनी नगरपालिका ने अभी से सड़कों पर अमरीकी दूतावास का ट्रैफ़िक साइन बोर्ड लगा दिया है।
बैतुल मुक़द्दस के अरनूना मुहल्ले में अमरीकी दूतावास बनाने की योजना है और उस इमारत की ओर जाने वाले रास्तों पर यह साइन बोर्ड लगा दिए गए हैं। सूचना है कि अगले सोमवार को दूतावास खोल दिया जाएगा और इस अवसर पर एक बड़ा समारोह आयोजित किया जाएगा जिसमें वरिष्ठ इस्राईली अधिकारी भाग लेंगे। इसी तरह अमरीकी सरकार और कांग्रेस के अधिकारी भी समारोह में भाग लेने के लिए बैतुल मुक़द्दस पहुंचेंगे।
ग़ैर क़ानूनी शासन इस्राईल की स्थापना की 70वीं वर्षगांठ पर यह दूतावास खोलने की योजना है। अमरीका का कहना है कि इस समय अमरीकी काउंसलेट की इमारत को दूतावास के रूप में प्रयोग किया जाएगा जबकि कुछ वर्षों में दूतावास के लिए नई इमारत का निर्माण होगा।
यह विशेष रूप से अरब देशों की कमज़ोरी बल्कि अमरीका और इस्राईल के साथ उनकी सांठ गांठ का नतीजा है कि अमरीका ने अपना दूतावास बैतुल मुक़द्दस स्थानान्तरित करने की हिम्मत कर ली है। वरना अमरीका तो कई दशक पहले ही बैतुल मुक़द्दस को इस्राईल की राजधानी के रूप में मान्यता दे चुका है लेकिन कोई भी अमरीकी सरकार इस पर अमल करने की हिम्मत नहीं कर पा रही थी।
इस समय सऊदी अरब, क़तर, इमारात, जार्डन और मिस्र जैसे देशों की सरकारें अलग अलग कारणों से अमरीका और इस्राईल के दबाव में हैं और अपनी अपनी जनता की इच्छाओं को पैंरों तले रौंदते हुए इस ख़तरनाक और साथ ही अपमानजनक साज़िश पर न केवल यह कि ख़ामोश हैं बल्कि सहयोग भी कर रही हैं।