नई दिल्ली। भारत के वित्तीय समावेशी प्रयासों को अब विश्व बैंक से भी मान्यता मिल रही है। वित्तीय सेवा सचिव राजीव कुमार ने कहा कि विश्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार दुनिया भर में खोले गए नए बैंक खातों में से 55 प्रतिशत भारत में खोले गए हैं।
उन्होंने ट्वीट किया कि विश्व बैंक की वैश्विक फिनडेक्स रिपोर्ट में भारत के वित्तीय समावेश के प्रयासों को मान्यता दी गई है। वैश्विक स्तर पर 2014-17 के दौरान 51.4 करोड़ बैंक खाते खोले गए। इनमें से 55 प्रतिशत बैंक खाते भारत में खुले हैं।
विश्व बैंक की कल जारी रिपोर्ट में जन धन योजना की सफलता का हवाला दिया गया है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार मार्च, 2018 तक जनधन खातों की संख्या बढ़कर 31.44 करोड़ हो गई, जो एक साल पहले 28.17 करोड़ थी।
विश्व बैंक की इस रिपोर्ट के मुताबिक भारत में वयस्क बैंक खाता धारकों की संख्या 2017 में बढ़कर 80 प्रतिशत हो गई। इससे पहले 2014 में यह 53 प्रतिशत और 2011 में 35 प्रतिशत थी।
इसमें कहा गया है कि सरकार के प्रयासों से महिलाओं के बैंक खातों में अच्छी वृद्धि हुई और पुरुषों के मुकाबले महिला खाताधारकों की संख्या का अंतर कम हुआ है। वर्ष 2014 में यह अंतर जहंा 20 प्रतिशत था वहीं 2017 में यह घटकर छह प्रतिशत रह गया।