सीरिया में कथित रासायनिक हमले के बाद राष्ट्रपति बशर अल असद सरकार को स्पष्ट संदेश देने के लिए अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन ने शनिवार तड़के संयुक्त रूप से सैन्य कार्रवाई करते हुए ताबड़तोड़ हवाई हमले किए। ये हमले कम समय के लिए लेकिन अधिक तीव्रता वाले थे। तीनों देशों की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि उन्होंने दमिश्क और होम्स में स्थित रासायनिक हथियारों के निर्माण केंद्रों और सीरियाई सैन्य ठिकानों पर सटीक और अचूक हमले किए।
सीरिया में कथित रासायनिक हमले के बाद राष्ट्रपति बशर अल असद सरकार को स्पष्ट संदेश देने के लिए अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन ने शनिवार तड़के संयुक्त रूप से सैन्य कार्रवाई करते हुए ताबड़तोड़ हवाई हमले किए। ये हमले कम समय के लिए लेकिन अधिक तीव्रता वाले थे। तीनों देशों की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि उन्होंने दमिश्क और होम्स में स्थित रासायनिक हथियारों के निर्माण केंद्रों और सीरियाई सैन्य ठिकानों पर सटीक और अचूक हमले किए।
इन हमलों से जुड़े कई वीडियो सामने आए हैं। अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन ने अपने हमलों को कामयाब बनाने के लिए जिन हथियारों का इस्तेमाल किया उन पर एक नजर डालना जरूरी है। ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस हमले में स्टॉर्म शैडो क्रूज मिसाइल से लैस चार टॉरनाडो लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल किया गया। अधिकारियों ने बाद में कहा कि इस अभियान में टाइफून युद्धक विमानों की भी सेवाएं ली गईं।
सीएनएन की एक रिपोर्ट में ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय के हवाले से कहा गया है कि फाइटर जेट्स ने पूर्वी भूमध्यसागर स्थित साइप्रस के रॉयल एयर फोर्स सैन्य ठिकाने से उड़ान भरी। इन लड़ाकू विमानों ने होम्स में स्थित सीरिया के एक रासायनिक हथियार संयंत्र को निशाना बनाया। बता दें कि दो इंजनों वाला टॉरनाडो जीआर4 जमीनी हमले करने में काफी कामयाब माना जाता है।
ये फाइटर जेट्स अपने साथ 400 किलोग्राम का वारहेड्स ले जा सकते हैं और 400 किलोमीटर की दूरी से ही दुश्मन पर निशाना साध सकते हैं। यानि कि इन्हें सीरिया के एयरस्पेश में प्रवेश करने की जरूरत भी नहीं पड़ी होगी। पेंटागन के अधिकारियों के मुताबिक ब्रिटेन के लड़ाकू विमानों ने सीरिया पर कुल आठ स्टॉर्म शैडो मिसाइल दागीं।
सीरिया मिशन के लिए राफेल ने भरी उड़ान
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के कार्यालय से सीरिया हमले से जुड़ा एक वीडियो जारी किया गया है। ट्विटर पर पोस्ट इस वीडियो में सीरिया मिशन के लिए राफेल विमानों को एयरबेस से उड़ान भरते दिखाया गया है। फ्रांस के रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पर्ली ने कहा कि लड़ाकू विमानों ने फ्रांस के एयरबेस से उड़ान भरी। राफेल भी दो इंजनों वाला विमान है और यह भी ब्रिटेन के टॉरनाडो की तरह स्टॉर्म शैडो मिसाइलों से लैस हो सकता है।
राफेल 60 हजार किलोमीटर की ऊंचाई पर 2130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकता है। यह युद्धक विमान अलग-अलग तरह की मिसाइलों से लैस हो सकता हैं। इन विमानों को भी सीरिया के ऊपर से उड़ान भरने की जरूरत नहीं पड़ी होगी और न ही उन्हें सीरिया के एंटी एयरक्राफ्ट डिफेंस सिस्टम का सामना करना पड़ा होगा।
मिराज से भी दागी गईं मिसाइलें
रिपोर्ट में अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से कहा गया कि सीरिया पर हमले में फ्रांस के मिराज लड़ाकू विमानों का भी इस्तेमाल हुआ और मिराज से कुल नौ मिसाइलें दागी गईं। पेंटागन के अधिकारियों के अनुसार सीरिया पर हमले में अमेरिकी वायु सेना ने अपने दो बी-1बी बमवर्षक विमानों का इस्तेमाल किया। अधिकारियों के मुताबिक चार इंजनों वाले बी-1 से एक दो नहीं बल्कि 19 क्रूज मिसाइलें दागी गईं। ये मिसाइलें 370 किलोमीटर से ज्यादा दूरी तक अपने साथ 450 किलोग्राम का वारहेड ले जा सकती हैं। यानि की बी-एन को भी सीरिया के वायु क्षेत्र में जाने की जरूरत नहीं पड़ी होगी।
बमवर्षक बी-1 बी का हुआ इस्तेमाल
अधिकारियों ने हालांकि अमेरिका के इन बेहद खतरनाक बमवर्षक विमानों के उड़ान भरने वाली जगह का खुलासा नहीं किया लेकिन कुछ मीडिया रिपोर्टों में इस महीने की शुरुआत में बमवर्षक विमानों को कतर के अल उदैद एयर बेस पर उतरने की बात कही गई थी। पेंटागन का कहना है कि सीरिया पर हमले में तीन अमेरिकी युद्धपोत एवं एक पनडुब्बी का भी इस्तेमाल किया गया। पनडुब्बी से टॉमहाक्स क्रूज मिसाइलें दागी गईं। अधिकारियों के मुताबिक लाल सागर स्थित अमेरिकी क्रूजर यूएसएस मॉनटेरी से 30 टॉमहाक्स मिसाइलें और विध्वंसक यूएसएस लाबून से सात मिसाइलें दागी गईं। जबकि विध्वंसक यूएसएस हिगिन्स ने नॉर्थ अरेबियन गल्फ से 23 टॉमहाक्स मिसाइलें दागीं और पनडुब्बी यूएसएस जॉन वार्नर ने भूमध्यसागर से छह टॉमहाक्स मिसाइलें छोड़ीं।
टॉमहाक्स मिसाइलों से लैस हैं अमेरिका और ब्रिटेन के युद्धपोत
बता दें कि टॉमहाक्स मिसाइलें तेजी से अपने लक्ष्य पर सटीक निशाना लगाती हैं। अमेरिका पिछले साल से ही सीरिया में हमले के लिए इन मिसाइलों का इस्तेमाल कर रहा है। यह मिसाइल 18 से 20 फीट लंबी होती है और यह 880 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ढाई हजार किमी दूर तक मार कर सकती है। यह अपने साथ 1000 पाउंड तक विस्फोटक ले जा सकती है। बेजोड़ और अचूक मारक क्षमता के चलते इन मिसाइलों को अमेरिका और ब्रिटेन के दर्जनों क्रूज, विध्वसंकों और पनडुब्बियां में लगाया गया है।
पेंटागन का कहना है कि फ्रांस ने अपने बहुद्देशीय विध्वंसक युद्धपोतों से सीरिया पर तीन क्रूज मिसाइलें दागीं। फ्रांस के ये बहुद्देशीय विध्वंसक युद्धपोत एमडीसीएन क्रूज मिसाइलों से लैस हैं। इन मिसाइलों की मारक क्षमता अभी गोपनीय है। हालांकि, इसका निर्माण करने वाली कंपनी इस मिसाइल की मारक क्षमता बहुत ज्यादा होने का दावा करती है। रक्षा उत्पादन से जुड़ी कंपनियों का कहना है कि इस मिसाइल की मारक क्षमता 1000 किलोमीटर (620 मील) है।