उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स की ओर से अप्रैल में पेट्रोल पम्पों पर छापे मारी की कार्रवाई के बाद सील हुए पेट्रोल पम्पों के आरम्भ न होने से नागरिकों को कठिनाइयां और असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।
जनता को हो रही परेशानियों पर समाजसेवी व अधिवक्ता मोहम्मद हैदर रिजवी ने मुख्यमंत्री से मामले का संज्ञान लेते हुए दोषी पेट्रोल पम्प मालिकों के खिलाफ प्रभावी कार्रवार्ई करने और जनता को कठिनाई से निजात दिलाने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित करने की मांग की है।
विदित हो कि एसटीएफ ने पेट्रोल पम्पों पर घटतौली की शिकायत के बाद राजधानी के कई पेट्रोल पम्पों पर छापा मार मशीनों के मीटर/नोजल/मशीनों से छेड़छाड़ पकड़ी थी, जिससे बड़ा घोटाला उजागर हुआ था।
समाजसेवी व अधिवक्ता मोहम्मद हैदर रिजवी
श्री हैदर ने मुख्यमंत्री से जनता को हो रही कठिनाई की ओर ध्यान दिलाते हुए तत्काल उचित कार्रवाई की मांग की है, जिससे जनता को राहत मिल सके। उन्होंने बताया कि इस संबंध में मुख्यमंत्री के पोर्टल पर भी शिकायत दर्ज कराई जो मुख्य सचिव खाद्य एवं रसद को भेजी गयी है।
श्री हैदर ने बताया कि कार्रवाई के पांच महीने व्यतीत होने के बाद प्रकरण में हो रहे विलम्ब से क्षेत्रीय जनता को भीषण असुविधा हो रही है।
सरकार की ओर से वैकल्पिक व्यवस्था न होने से राजधानीवासियों विशेष कर पुराने लखनऊ के निवासियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। पुराने लखनऊ के निवासियों को पेट्रोल-डीजल लेने के लिए कई किलोमीटर दूर जाना पड़ता है, जिससे न केवल समय की बर्बादी होती है, बल्कि मानसिक और आर्थिक क्षति भी पहुंच रही है।
petrol
श्री हैदर ने किंग जॉर्ज मेडिकल विश्वविद्यालय के पास पडऩे वाले & पेट्रोल पम्पों मेडिकल कॉलेज के ठीक सामने, कोनेश्वर चौराहे और हाथी पार्क के पास स्थित पम्पों का जिक्र किया।
उन्होंने कहा कि इन पेट्रोल पम्पों के बंद होने से न केवल चिकित्सकों, मरीजों औैर पैरामेडिकल स्टाफ व मरीजों के तीमारदारों बल्कि पूरे क्षेत्रवासियों को भारी कष्टï हो रहा है।
उन्होंने कहा कि आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 2 के तहत पेट्रोलियम पदार्थ उक्त अधिनियम के तहत आवश्यक वस्तु की परिभाषा में आते हैं, जिसे निरंतर उपलब्ध कराना सरकार की जिम्मेदारी है।