टोक्यो। जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने देश में आकस्मिक चुनाव कराने की घोषणा करते हुए गुरुवार को संसद के निचले सदन को भंग कर दिया। चुनाव अगले माह 22 अक्टूबर को होने की संभावना है। प्रधानमंत्री आबे ने देश में आकस्मिक चुनाव करोने की घोषणा सरकार का कार्यकाल पूरा होने के एक वर्ष पहले ही ऐसे समय में की है, जब ओपिनियन पोल में आबे की स्थिति काफी मजबूत बताई गई है।
आबे सरकार के महत्वपूर्ण घटक और कौमितो पार्टी के प्रमुख नात्सुवो यामागुची का मानना है चुनाव 22 अक्टूबर को होंगे। आबे ने संसद भंग करने के बाद सांसदों के एक समूह को संबोधित करते हुए कहा कि यह एक कड़ा मुकाबला होगा। लेकिन हम जापान की सुरक्षा करना चाहते हैं ताकि यहां के लोग शांतिपूर्वक रह सके। मंत्रिमंडल कुछ दिनों में आधिकारिक रूप से चुनाव की घोषणा करेगा।
उत्तर कोरिया के साथ उतार-चढ़ाव की स्थिति और देश की सामाजिक सुरक्षा प्रणाली को फिर से संतुलित करने के मद्देनजर जनादेश हासिल करने के लिए आबे ने यह निर्णय लिया है। वह 2012 से सत्ता में हैं और वह अपनी छवि का फायदा उठाकर अगले महीने चुनाव कराना चाहते हैं। हालांकि विपक्ष ने प्रधानमंत्री के इस फैसले का बहिष्कार किया है।
मैइनिची समाचार पत्र ने अपने एक सर्वे में पाया है कि टोक्यो की गवर्नर यॉरिकी कोइके, जिन्होंने कल ही अपनी नई पार्टी के गठन और चुनाव लडऩे की घोषणा की है, की पार्टी को 18 फीसदी जबकि आबे की सत्ताधारी पार्टी लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) को 29 फीसदी मत मिल सकते हैं। इसके अलावा अशी समाचार पत्र का मानना है कि 13 प्रतिशत लोग कोइके की पार्टी को और 32 प्रतिशत लोग एलडीपी को वोट दे सकते हैं।