महाराजगंज : उत्तर प्रदेश के एक चर्च में हो रही प्रार्थना सभा को हिंदू युवा वाहिनी संगठन द्वारा रुकवा दिया गया। संगठन ने आरोप लगाया था कि चर्च में धार्मिक रूपांतरण का काम चल रहा था। Church
यह घटना शुक्रवार (7 अप्रैल) की है। महाराजगंज जिले के धतौली में बने चर्च में तकरीबन 150 लोग प्रार्थना के लिए पहुंचे हुए थे। जिसमें 11 अमेरिकी नागरिक भी शामिल थे।
वे लोग यूपी घूमने के लिए आए हुए थे। प्रार्थना को यूपी पुलिस ने बंद करवाया। हिंदू वाहिनी ने ही चर्च के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी।
युवाओं के इस संगठन को योगी आदित्य नाथ ने 2002 में बनाया था।
पूरे मामले पर पुलिस अफसर आनंद कुमार गुप्ता ने कहा, ‘प्रार्थना के लिए किसी तरह की इजाजत नहीं ली गई थी। हम लोगों ने वहां जाकर प्रार्थना बंद करवा दी और मामला दर्ज कर लिया।
इस वक्त पूछताछ चल रही है और अगर आरोप सही साबित होता है तो उचित कार्रवाई की जाएगा।’ हालांकि, यह साफ नहीं है कि चर्च में प्रार्थना करने के लिए कौन सी इजाजत लेनी होती है।
यूएस से आए टूरिस्ट्स को उनके कागजात देखकर पुलिस ने छोड़ दिया था। हिंदू युवा वाहिनी के लोगों ने कहा कि यूएस के लोगों के वहां होने से पक्का होता है कि वहां धार्मिक रूपांतरण हो रहा था।
संगठन ने आरोप लगाया कि पैसे के बल पर मासूम हिंदुओं को बहला-फुसलाकर ईसाई बनाया जा रहा था। हिंदू संगठन अमेरिकियों को छोड़े जाने से भी नाराज दिखे।
वहीं दूसरी तरफ चर्च के लोगों ने सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया। पादरी एडम ने कहा कि उनपर लगे सभी चार्ज गलत हैं। पादरी ने कहा कि प्रार्थना में आने के लिए किसी को बाध्य नहीं किया गया था। वहां प्रार्थना के अलावा और कुछ नहीं हुआ।
हिंदू संगठन काफी पहले से ईसाई मिशनरियों पर धार्मिक रूपांतण करने का आरोप लगाते रहे हैं। हिंदू संगठनों की तरफ से भी घर वापसी का अभियान चलाया गया था।
इस साल की शुरुआत में हिंदू यूवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने गोरखपुर के चर्च पर हमला किया था। वहां भी धार्मिक रूपांतरण का आरोप लगाया गया था।
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