नई दिल्ली : हाल ही में आपातकाल पर आधारित फिल्म ‘इंदु सरकार’ की शूटिंग पूरी कर चुके राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्मकार मधुर भंडारकर का मानना है कि युवा पीढ़ी को 1970 के दशक में 21 महीनों तक चले उथल-पुथल भरे माहौल के बारे में जानकारी होनी चाहिए। Madhur
भंडारकर ने यहां मीडिया से कहा, “आपातकाल एक ऐसा विषय है, जिसके बारे में आज की पीढ़ी नहीं जानती है और उन्हें इस बारे में पता होना चाहिए।
आज की पीढ़ी को पता होना चाहिए कि वास्तव में उस समय क्या हुआ था, किस तरह से चीजों को दबा दिया गया और नागरिक अधिकारों का हनन किया गया।
इस कहानी को आज की पीढ़ी को बताना चाहिए।” कीर्ति कुल्हरी और बंगाली अभिनेता तोता रॉय चौधरी अभिनीत फिल्म में एक हकलाने वाली कवयित्री की कहानी को दर्शाया गया है, जो आपातकाल (1975-77) के दौरान व्यवस्था के खिलाफ विद्रोह करती है।
भंडारकर ने कहा कि 41 दिनों में फिल्म की शूटिंग करने के दौरान उन्होंने भरपूर लुत्फ उठाया। यह पूछे जाने पर कि क्या इस फिल्म से राजनीतिक विरोध या प्रतिक्रिया उभर सकती है?
फिल्मकार ने कहा कि प्रतिक्रिया जानने के लिए फिल्म के ट्रेलर की रिलीज का इंतजार करना पड़ेगा। वहीं उन्होंने इरफान खान अभिनीत ‘नो बेड ऑफ रोजेस’ पर बांग्लादेश में प्रतिबंध को लेकर दुख जताया है।
उन्होंने निर्माताओं के प्रति सहानुभूति जताई, जिनकी फिल्म ‘कैलेंडर गर्ल्स’ पाकिस्तान में प्रतिबंधित हो चुकी है।
भंडारकर ने सातवें राष्ट्रीय विज्ञान फिल्म महोत्सव के दौरान संवाददाताओं से कहा, “फिल्म ‘कैलेंडर गर्ल्स’ पाकिस्तान में प्रतिबंधित की जा चुकी है।
हम उदारीकरण के बारे में बात कर रहे हैं, अभिव्यक्ति की आजादी के बारे में बात कर रहे हैं और दुनिया काफी बदल चुकी है। इरफान एक प्रतिभाशाली अभिनेता हैं और बांग्लादेश में उनके प्रशंसकों की संख्या भारत के समान ही है।”