नई दिल्ली : जीएसटी काउंसिल ने सजा के प्रावधानों में कुछ ढील दी है। अब 2 करोड़ रुपए तक की टैक्स चोरी में पकड़े जाने पर तत्काल जमानत ली जा सकती है। पहले कोर्ट से जमानत का प्रावधान था। Gst
काउंसिल ने पिछली मीटिंग में यह फैसला किया। संशोधन के मुताबिक धोखाधड़ी और कर संग्रह के बाद तय समय में उसे जमा नहीं करने पर ट्रेडर की गिरफ्तारी होगी।
आईपीसी की धारा 1860 के तहत धोखाधड़ी गैर-जमानती अपराध है। इसमें कोर्ट से ही जमानत मिल सकती है।
कानून के ड्राफ्ट में दूसरे अपराधों में भी सजा के प्रावधान कम किए गए हैं।
गलत तरीके से इनपुट टैक्स क्रेडिट या रिफंड लेने और सभी जरूरी कागजात जमा नहीं करने पर पहले सजा का प्रावधान था।
संशोधन के बाद ऐसे अपराधों के लिए सिर्फ जुर्माना तय किया गया है। ऐसे मामलो में गिरफ्तारी नहीं होगी।
कंसल्टेंसी फर्म पीडब्लूसी के लीडर प्रतीक जैन ने कहा कि गिरफ्तारी के प्रावधानों से ट्रेडर्स को अनावश्यक परेशानी हो सकती थी। शुरू के दो सालों में सजा के प्रावधान हल्के होने चाहिए, क्योंकि नई टैक्स व्यवस्था को समझने में ट्रेडर्स को भी वक्त लगेगा।
केपीएमजी इंडिया के पार्टनर हरप्रीत सिंह ने कहा कि कर चोरी रोकने के लिए सजा के प्रावधान ठीक हो सकते हैं, लेकिन इनके दुरुपयोग की आशंका ज्यादा है।