लखनऊ : यूपी चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के साथ कई अन्य दलों के महागठबंधन की बात लगभग फाइनल है लेकिन कई बातों को लेकर अभी भी चर्चा जारी है। samajwadi party
महागठबंधन को लेकर अखिलेश खुद सारे फैसले ले रहे हैं। अखिलेश कांग्रेस को 90 सीटें देने पर राजी हैं हालांकि, कांग्रेस अपने लिए 100 से अधिक सीटें मांग रही है।
अखिलेश खुद इस ग्रांड एलायंस का स्वरूप तैयार कर रहे हैं।
सपा के किरणमय नंदा ने कहा है कि हम सिर्फ कांग्रेस से बात कर रहे हैं। आरएलडी से कोई बातचीत नहीं हो रही है।
उन्होंने कहा कि आरजेडी, जेडीयू और ममता बनर्जी की पार्टी सिर्फ समर्थन देंगीं, उनके साथ सीटों को लेकर कोई बातचीत नहीं हो रही है।
यूपी के लिए हुई कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की मीटिंग में राहुल और प्रियंका गांधी मौजूद थे। मंगलवार देर रात तक ये मीटिंग हुई। सूत्रों के मुताबिक, मीटिंग में राहुल गांधी ने कहा कि हम अकेले यूपी में सरकार नहीं बना पा रहे थे, इसलिए बीजेपी को हराने के लिए गठबंधन का फैसला किया।
हालांकि, राहुल ने साफ किया कि हम राज्य में कम से कम 100 सीटों पर लड़ेंगे। कांग्रेस की ओर से यूपी में घोषित सीएम कैंडिडेट शीला दीक्षित ने मंगलवार को ऐलान किया था कि अखिलेश के लिए वे सीएम पद की दावेदारी छोड़ने को तैयार हैं।
ग्रैंड अलायंस के लिए छोटे दलों को समेटने की कोशिश- पीस पार्टी, भारतीय निषाद पार्टी ,अपना दल(कृष्णा पटेल गुट)से बातचीत जारी है। छोटे दलों के लिए सपा ने तय की 10 सीटों का कोटा।
जेडीयू और आरजेडी भी होगी इस ग्रैंड अलायन्स का हिस्सा। लालू चुनाव प्रचार में आएंगे। सीट के लिए कोई मांग नहीं जबकि अखिलेश ने शरद यादव से फोन पर बातचीत की।
नोएडा की सभी सीटें समाजवादी पार्टी कांग्रेस और सहयोगियों के लिए छोड़ सकती है, पिछली बार कोई सीट नहीं जीत सकी थी सपा। नोएडा से अपशकुन को भी जोड़कर देखते रहे हैं अखिलेश।
कांग्रेस के यूपी प्रभारी गुलाम नबी आजाद ने गठबंधन को लेकर जल्द बात पूरी हो जाने की उम्मीद जताई। यूपी विधानसभा चुनाव में 403 सीटें हैं। अगर कांग्रेस सपा के इस फॉर्मूले पर राजी होती है तो फिर सपा सोनिया गांधी और राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्रों रायबरेली और अमेठी की कई सीटें कांग्रेस के लिए छोड़ सकती है।
कांग्रेस के साथ गठबंध पर बातचीत के अलावा सपा के अंदर भी घटनाक्रम तेजी से बदल रहा है। मंगलवार को मुलायम सिंह ने मुलाकात के दौरान अखिलेश को 38 नेताओं की एक लिस्ट सौंपी थी।
सूत्रों के मुताबिक इसमें शिवपाल यादव के बेटे आदित्य यादव का नाम भी शामिल है। हालांकि, अखिलेश को इसपर आखिरी फैसला लेना है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अखिलेश इनमें से कई नामों पर सहमत नहीं हैं।
लखनऊ कैंट से मुलायम सिंह की दूसरी बहू अपर्णा यादव का टिकट पक्का हो सकता है तो रामपुर से बेनी प्रसाद वर्मा के बेटे राकेश यादव को भी टिकट मिल सकता है। हालांकि, शिवपाल के अन्य करीबी नेताओं ओमप्रकाश सिंह, शादाब फातिमा और नारद राय के टिकटों को लेकर अभी भी सस्पेंस बना हुआ है।