नई दिल्ली। देशभर में मुस्लिम परिवारों में सदस्यों की संख्या अन्य धर्मों के परिवारों के मुकाबले ज्यादा है। महिला प्रधान घरों का परिवार पुरुष प्रधान घरों के मुकाबले छोटा है। मतलब जिस परिवार के मुखिया पुरूष हैं,उसमें सदस्यों की संख्या ज्यादा है।
केन्द्र सरकार ने धर्म आधारित जनगणना-2011 के जो आंकड़े जारी किए उसमें यह तथ्य सामने आए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक पूरे देश में 81 फीसदी से अधिक हिंदू घर हैं,जबकि आबादी के हिसाब से पूरे देश में 79.8 फीसदी
हिंदू हैं। आंकड़ों के मुताबिक मुस्लिम घरों की तादाद 12.5 फीसदी है जबकि देश की आबादी में उनका हिस्सा 14.23 फीसदी है। यह ट्रेंड दो बातों की ओर संकेत देता है,पहला मुस्लिमों के परिवार का आकार बड़ा होता है और दूसरा उनकी आर्थिक स्थिति हिंदुओं की तुलना में अच्छी नहीं होती है।
वहीं महिला मुखिया परिवार की बात करें तो सबसे अधिक 17.40 फीसदी परिवार ईसाई धर्म में हैं। सबसे कम जैन धर्म के परिवारों में महिलाएं मुखिया हैं। एक ट्रेंड यह भी है कि पुरुष मुखिया वाले परिवार में सदस्यों की संख्या महिला मुखिया वाले परिवारों की तुलना में अधिक है। हिंदू परिवारों में पुरुष मुखिया वाले परिवार में औसतन सदस्य संख्या 4.9 है। वहीं परिवार की मुखिया महिला होने पर यह संख्या कम होकर 3.8 है।