मुंबई। रतन टाटा बनाम साइरस मिस्त्री की लड़ाई में यह हफ्ता काफी अहम रहने वाला है। टाटा समूह की चार लिस्टेड कंपनियों की ईजीएम इस हफ्ते होनी है। इनमें मिस्त्री को डायरेक्टर पद से हटाने के लिए शेयरधारक वोटिंग करेंगे। सबसे प्रमुख कंपनी है टाटा मोटर्स। ग्रुप के रेवेन्यू में टीसीएस के बाद सबसे ज्यादा योगदान इसी का है। अन्य कंपनियां हैं टाटा स्टील, इंडियन होटल्स और टाटा केमिकल्स। ईजीएम 20 से 23 दिसंबर के दरम्यान होगी। cyrus mistry
– ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज के चेयरमैन नुस्ली वाडिया टाटा स्टील, टाटा मोटर्स और टाटा केमिकल्स के स्वतंत्र निदेशक हैं। शेयरधारकों को उन्हें हटाने के प्रस्ताव पर भी वोटिंग करनी है।
– अभी तक टाटा इंडस्ट्रीज, टीसीएस और टाटा टेलीसर्विसेज के शेयरहोल्डर मिस्त्री को डायरेक्टर पद से हटा चुके हैं।
– इंडियन होटल्स : ईजीएम 20 दिसंबर को होगी। इसमें टाटा संस की 28.01% होल्डिंग है। लेकिन प्रमोटर और प्रमोटर ग्रुप की कुल होल्डिंग 38.65% है।
– टाटा के पक्ष में टीसीएस की ईजीएम में अनुपस्थित रहने वाले एलआईसी की इस कंपनी में 8.76% हिस्सेदारी है। मिस्त्री के पास 1,28,625 शेयर हैं।
गौरतलब है कि टाटा स्टील की ईजीएम 21 दिसंबर को होगी। इसमें टाटा संस की 29.75% और एलआईसी की 13.62% होल्डिंग है। प्रमोटर-प्रमोटर ग्रुप की कुल हिस्सेदारी 31.35% है।
जबकि टाटा मोटर्स की ईजीएम 22 दिसंबर को। टाटा संस की 26.51%, प्रमोटर और प्रमोटर ग्रुप की 33.00% और एलआईसी की 5.11% होल्डिंग है। मिस्त्री के पास कंपनी के 14,500 शेयर हैं।
टाटा केमिकल्स : ईजीएम 23 दिसंबर को होनी है। टाटा संस की होल्डिंग 19.35% लेकिन प्रमोटर और प्रमोटर ग्रुप की 30.80% है। एलआईसी के पास भी कंपनी के 3.33% शेयर हैं। मिस्त्री के पास 16,000 शेयर हैं।
टाटा पावर : ईजीएम 26 दिसंबर को होगी। इसमें टाटा संस की 31.05% और प्रमोटर-प्रमोटर ग्रुप की होल्डिंग 33.02% है। एलआईसी के पास 13.12% शेयर हैं। मिस्त्री के पास भी 72,960 शेयर हैं।
– प्रॉक्सी एडवाइजरी फर्म इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर एडवाइजरी सर्विसेज ने अपना रुख बदलते हुए नुस्ली वाडिया को टाटा मोटर्स और टाटा स्टील के डायरेक्टर पद से हटाने के प्रस्ताव का समर्थन किया है।
– फर्म ने इसे टाटा समूह के हित में बताया है। पहले इसने शेयरधारकों को मिस्त्री के खिलाफ वोटिंग की सलाह दी थी, पर वाडिया का समर्थन किया था, लेकिन टाटा के खिलाफ वाडिया ने 3,000 करोड़ रु. का मानहानि मुकदमा किया तो फर्म उनके भी खिलाफ हो गई है।