नई दिल्ली। डिजिटल वालेट कंपनी पेटीएम को उसके ही 15 ग्राहकों ने कथित तौर पर 6.15 लाख रुपए का चूना लगाया दिया। कंपनी की शिकायत पर केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मामला दर्ज किया है। यह अनूठी बात है कि सीबीआई ने किसी प्राइवेट कंपनी की शिकायत पर ही एफआईआर दर्ज कर ली, क्योंकि आमतौर पर वह केन्द्र सरकार, सुप्रीम कोर्ट या किसी हाईकोर्ट के निर्देश पर ही ऐसा कदम उठाती है। paytm cbi
सीबीआई के प्रवक्ता से जब पूछा गया कि पहले ही कर्मचारियों की कमी से जूझ रही इस जांच एजेंसी ने इस प्रकरण को क्यों हाथ में लिया तो उसने कहा कि एजेंसी दिल्ली क्षेत्र में सूचना प्रौद्योगिकी कानून के तहत निजी व्यक्तियों के खिलाफ भी मामलेदर्ज कर सकती है।
सीबीआई ने कल दर्ज प्राथमिकी में 15 ग्राहकों व पेटीएम के अज्ञात अधिकारियोंको संदिग्ध बताया है। जिन ग्राहकों को प्राथमिकी में संदिग्ध बताया गया है वे फोन पर बात नहीं कर रहे हैं। ऐसे कुछ ग्राहकों के नंबर नेटवर्क से बाहर भी बताए जा रहे हैं। सीबीआई ने दिल्ली के कालकाजी, गोविंदपुरी एवं साकेत में रहने वाले 15 ग्राहकों और पेटीएम की पैतृक कंपनी वन-97 कम्युनिकेशंस के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
कंपनी के विधि प्रबंधक एम शिवकुमार ने इस बारे में शिकायत की है। इसमें कहा गया है कि कंपनी किसी ग्राहक को मिले खराब उत्पाद के लिए भुगतान करती है और खराब उत्पाद को मंगवाकर वापस मर्चेंट के पास भेजती है। यह काम कंपनी के कुछ चुनींदा ग्राहक सेवा अधिकारियों द्वारा किया जाता है जिन्हें विशिष्ट आईडी व पासवर्ड दिए जाते हैं।
शिकायत के मुताबिक 2014-16 की अवधि के इन 48 मामलों में पाया गया कि ग्राहकों को सामान की आपूर्ति हो गई। इसके बावजूद उन्हें रिफंड किया गया। यानी ग्राहकों को उनके आर्डर का सामान भी मिला और रिफंड भी। कंपनी को लगता है कि इसमें गड़बड़ है और जानबूझकर ऐसा कर कंपनी को नुकसान पहुंचाया गया है। इनमें ग्राहकों को 6.15 लाख रुपए का रिफंड किया गया।