नई दिल्ली। संसद में इस साल विंटर सेशन में एक दिन भी संसद की कार्यवाही ठीक से नहीं चल सकी है। नोटबंदी पर बुधवार को भी हंगामा हुआ। लोकसभा दिनभर के लिए स्थगित करनी पड़ी। राज्यसभा में गुलाम नबी आजाद ने कहा, ”देश को लाइन में लगा दिया गया। 84 की मौत हुई, इसकी किसी को तो जिम्मेदारी लेनी होगी।” जवाब में अरुण जेटली ने कहा, ”हिम्मत है तो विपक्ष चर्चा करे।” दोपहर बाद हंगामे के कारण राज्यसभा भी दिनभर के लिए स्थगित हो गई। वहीं, नरेंद्र मोदी पार्टी की मीटिंग में कहा, ”विपक्ष कुछ भी कहे, जनशक्ति सरकार के साथ है।” parliament
– संसद में बीजेपी पार्लियामेंट्री पार्टी की भी मीटिंग हुई।
– इसमें नरेंद्र मोदी ने कहा, ”मतदान के समय देश में ईवीएम के बारे में जैसे प्रचार होता है, ठीक उसी तरह कैशलेस सिस्टम का प्रचार होना चाहिए।”
– गुलाम नबी आजाद कहा, ”रेवन्यू सेक्रेटरी ने कहा कि जितना भी पैसा है, सब वापस आएगा। पूरा पैसा आएगा तो ब्लैकमनी कहां गई?”
– ”फिर क्यों हिंदुस्तान को लाइन में खड़ा किया? लाखों की तादाद में लोग बेरोजगार हुए। 84 लोगों की मौत का जिम्मेदार कौन है?”
– बता दें कि रेवेन्यू सेक्रेटरी हसमुख अढिया ने कहा था कि सरकार को उम्मीद है कि बंद हुए 500-1000 नोट बैंकिंग सिस्टम में आ जाएंगे। काला धन जमा करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
– राज्यसभा में सदन के नेता अरुण जेटली ने कहा, ”नोटबंदी पर चर्चा हुई है, विपक्ष ने जो मांगें की, उसे हमने पूरा किया है।”
– ”लेकिन विपक्ष चर्चा से भाग रहा है।
– विपक्ष सदन के जीरो ऑवर में सिर्फ टेलीविजन कवरेज के लिए मुद्दे उठाता है।”
– ”एक ही मुद्दे को हर बार जीरो ऑवर में क्यों उठाया जा रहा है? हंगामा और नारेबाजी जारी है।”
– इसके बाद सरकार पक्ष के सदस्यों ने नारेबाजी की।
– विपक्ष की ओर इशारा करते हुए नारेबाजी की – हिम्मत है तो चर्चा करो।
– गौरतलब है कि राज्यसभा में 16 नवंबर को चर्चा शुरू तो हुई लेकिन पूरी नहीं हो सकी।
– अनंत कुमार ने कहा- चर्चा से भाग रहा है विपक्ष
– ”राज्यसभा में चर्चा शुरू भी हो गई है। पीएम के आने की बात की। पीएम गए भी।”
– ”पर विपक्ष चर्चा के लिए तैयार नहीं है।”
– ”लोकसभा में वह नियम 184 के तहत चर्चा की मांग कर रहा था।
– नियम 193 के तहत चर्चा शुरू भी हो चुकी है। अब उन्हें चर्चा में शामिल होना चाहिए।”
– मायावती ने कहा- तानाशाह रवैया छोड़कर फैसला वापस लें मोदी
– मायावती ने कहा, ”जनता को परेशान किया जा रहा है। करप्शन के खिलाफ हम भी हैं, लेकिन मोदी ने इसे इज्जत का मुद्दा बना लिया है।”
– ”उन्हें फैसला वापस लेना चाहिए।”