इस्लामाबाद। पाकिस्तान की एक अदालत ने राजद्रोह के मामले में न्यायालय में पेश नहीं होने पर पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के सभी बैंक खातों व संपत्तियों को जब्त करने का आदेश दिया है।
मुशर्रफ के खिलाफ राजद्रोह के मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने बैंकों को उनके सभी खातों को फ्रीज करने तथा राजस्व विभाग को पूर्व राष्ट्रपति की सभी संपत्ति को जब्त करने का आदेश दिया।
मुशर्रफ के वकील फैसल चौधरी ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति ने अपनी सभी संपत्ति अपनी पत्नी और बेटी को तोहफे में दे दी है और तोहफे में दी गई संपत्ति जब्त नहीं की जा सकती। वे फैसले को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती देंगे।
अदालत ने आरोपी की गैर मौजूदगी में सुनवाई जारी रखने के अभियोजन के आग्रह को खारिज कर दिया। मुशर्रफ मार्च 2016 में इलाज कराने संयुक्त अरब अमीरात गए थे और तब से वह वहीं हैं।
अभियोजन पक्ष के वकील अकरम शेख ने न्यायालय को वीडियो कांफ्रेंसिंग से मुशर्रफ के बयान को रिकॉर्ड करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि मुशर्रफ न तो अस्पताल में भर्ती हैं और न ही उन्हें कोई स्वास्थ्य संबंधी समस्या है।
कोर्ट ने कहा कि मामले की तब तक सुनवाई नहीं हो सकती जब तक मुशर्रफ को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश नहीं किया जाता। एक कानूनी विशेषज्ञ के मुताबिक, साल 2008 में इस्तीफा देने वाले मुशर्रफ ऐसे पहले सैन्य शासक हैं, जिनके खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा चल रहा है। इस मामले में उम्र कैद या फांसी की सजा का प्रावधान है। उनके द्वारा साल 2007 में देश में आपातकाल लगाने और संविधान को निलंबित करने के फैसले को राजद्रोह के रूप में देखा गया है। तीसरी बार सत्तासीन होने के कुछ सप्ताह बाद प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने जून 2013 में संसद को मुशर्रफ के खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा दायर करने के बारे में सूचित किया।