नई दिल्ली। काली कमाई पर 50 फीसदी टैक्स चुकाकर सफेद बनाने के लिए सरकार ने आयकर कानून में फेरबदल से जुड़ा बिल संसद में पेश किया। हालांकि बिल में ये भी प्रावधान है कि बैंक में जमा कराने के बाद आपने खुद आयकर विभाग को जानकारी नहीं दी तो 85 फीसदी तक टैक्स व जुर्माना लग सकता है। black money
संसद में पेश आय़कर कानून में फेरबदल के लिए विधेयक में सरकार ने माना कि काले धन को गैर-कानूनी तरीके से दोबारा काला धन बनाने का रास्ता मुहैया कराने के प्रति विशेषज्ञो ने आगाह किया।
साथ ही उन्होंने सुझाव दिया कि इसकी जगह क्यों ना अब तक छिपी आय पर भारी टैक्स और जुर्माना लगाकर सरकार लोगों को काले धन को सफेद बनाने का एक मौका दिया जाए।
इससे दो फायदा होगा, एक सरकार को गरीबों की मदद के लिए रकम का इंतजाम करने में मदद मिलेगी, वहीं घोषित की गयी आमदनी का एक बड़ा हिस्सा अर्थव्यवस्था में चलन में आ जाएगा।
इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने बिल में गरीब कल्याण योजना के लिए टैक्स व निवेश की व्यवस्था का ऐलान किया है। जानकारों का कहना है कि इस व्यवस्था को आय घोषणा योजना का विस्तार कहा जा सकता है।
बिल में तीन परिस्थितियों का जिक्र है
पहली परिस्थिति
यदि बैंक में रकम जमा कराने के बाद कोई व्यक्ति गरीब कल्याण योजना में भाग लेने के लिए स्वेच्छा से आता है तो उसे जमा करायी गयी कुल रकम पर 30 फीसदी की दर से टैक्स, 10 फीसदी की दर से जुर्माना और टैक्स के 33 फीसदी की दर से सेस देना होगा। यानी कुल मिलाकर 50 फीसदी। कुल रकम का एक चौथाई बगैर ब्याज वाले 4 साल की जमा योजना में डाली जाएगी जबकि बाकी रकम तुरंत मिल जाएगी। दूसरे शब्दों में कहें तो 1 करोड़ रुपये की अघोषित आय में 50 लाख रुपये सरकार के पास चला जाएगा। बाकी 25 लाख रुपये चार साल मिलेंगे, जबकि बाकी 25 फीसदी तुरंत।
दूसरी परिस्थिति
यदि कोई व्यक्ति गरीब कल्याण योजना में भाग नहीं लेता है और आयकर विभाग को स्वेच्छा से जानकारी नहीं देता है तो उस पर 60 फीसदी की दर से टैक्स लगेगा। साथ ही कुल रकम का 15 फीसदी सरचार्ज लगेगा। विभाग बाद में 10 फीसदी की दर से जुर्माना भी लगा सकता है, यानी कुल मिलाकर 85 फीसदी टैक्स। दूसरे शब्दों में कहें तो यदि 1 करोड़ रुपये की अघोषित रकम जमा की जाती है तो यहां 15 लाख रुपये ही वापस मिलेंगे।
तीसरी परिस्थिति
आयकर विभाग की ओर से छापा मारे जाने की सूरत में जब्त की गयी रकम पर कुल 90 फीसदी टैक्स और जुर्माना लगेगा। यानी 1 करोड़ रुपये की अघोषित आय में सिर्फ 10 लाख रुपये मिलेंगे। जानकारों का कहना है कि टैक्स और जुर्माने से जुटायी रकम की बदौलत सरकार को कल्याण योजनाओं को चलाने में मदद मिलेगी।
वैसे तो संसद में नोटबंदी के खिलाफ विपक्ष के लामबंद होने से कामकाज प्रभावित हो रहा है, लेकिन गौर करने की बात ये है कि नया विधेयक दरअसल एक मनी बिल है। नियम कहता है कि लोकसभा मे बिल पारित हो जाने और वहां से भेजे जाने के 14 दिनों के भीतर उसे राज्यसभा के लिए वापस भेजना जरुरी है। black money
ऐसा नहीं होता है तो विधेयक संसद के दोनों सदनों से पारित माना जाएगा और वो कानून बन जाएगा। चूंकि लोकसभा में सरकार बहुमत में है, लिहाजा वहां उसे कोई परेशानी नहीं होने वाली। black money