नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार दोपहर अंतिम फैसला सुना दिया है। जस्टिस लोढ़ा कमेटी की ओर से बीसीसीआई में सुधारों को लेकर जो सिफारिशें की गई हैं उनमें से कई बीसीसीआई को मंजूर नहीं थीं। जिनके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश जारी किये हैं कि बीसीसीआई में किसी पद के लिए आयु सीमा 70 साल होगी। साथ ही मंत्री और सरकारी अधिकारी बीसीसीआई की गवर्निंग काउंसिल से नहीं जुड़ेंगे। इसके अलावा गवर्निंग काउंसिल में सीएजी का एक सदस्य शामिल होगा। सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा है कि राज्यों में एक ज्यादा क्रिकेट एसोसिएशन होने पर सभी को एक-एक बार वोट करने का मौका दिया जाएगा, यानी वोटिंग के लिये रोटेशन प्रक्रिया लागू होगी।
इसके अलावा सुप्री कोर्ट ने सट्टेबाजी पर संसद को कानून बनाने के लिए कहा है। साथ ही यह भी तय करने के लिए कहा गया कि बीसीसीआई कैसे आरटीआई के दायरे में आए। विज्ञापन पॉलिसी का निर्णय करने के लिये बीसीसीआई को छूट दी गयी है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने लोढ़ा कमेटी की सिफारिश टू प्लेयर्स एसोसिएशन को स्वीकार किया है। लोढ़ा कमेटी पुराने और नए प्रावधानों पर गौर करने के बाद 6 महीने में रिपोर्ट फाइल करेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई से राज्य क्रिकेट एसोसिएशन को दिए जाने वाले पैसे के पीछे के मापदंडों की जानकारी भी मांगी है। कोर्ट ने कहा कि यह अनियंत्रित और राजनीतिक रूप से प्रेरित है। कोर्ट ने सवाल किया कि बोर्ड क्यों चाहता है कि इसमें मंत्रियों को शामिल किया जाए और बोर्ड आयु सीमा की बाध्यता क्यों नहीं मानने को तैयार है।