नई दिल्ली। नोटबंदी ने हवाला का कारोबार करने वालों की कमर तोड़ दी है। बीते दिनों में हवाला कारोबार में 80 फीसदी की कमी आई है। इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) ने इसकी जानकारी दी है। hawala business
आईबी ने गृह मंत्रालय को यह रिपोर्ट सौंपी है। रिपोर्ट के मुताबिक, तीन दिनों के भीतर खाड़ी देशों और कश्मीर घाटी के बीच एक भी हवाला ट्रांजेक्शन का मामला सामने नहीं आया। हवाला का कारोबार करने वाले ऑपरेटर्स फिलहाल अंडरग्राउंड हो गए हैं। रिपोर्ट में अधिकारियों ने बताया कि आठ नवंबर को लिए गए नोटबंदी के फैसले के बाद से दिल्ली, जयपुर, अहमदाबाद और मुंबई में हवाला ऑपरेट्र्स अचानक से गायब हो गए। इनकी गतिविधियां नजर नहीं आईं। नतीजतन, मनी लॉन्ड्रिंग थम सी गई है।
कश्मीर घाटी में सुरक्षा बल और आईबी की कार्रवाई के चलते हवाला कारोबारी डर रहे हैं। हवाला ऑपरेटर्स ब्लैक मनी लेने में घबरा रहे हैं। वो खतरा मोल लेने को तैयार नहीं हैं। बता दें कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के सर्वे में भी इसी तरह के फैक्ट्स सामने आए हैं। बहरहाल, बुरहान वानी के एनकाउंटर के बाद हो रहे प्रदर्शनों के चलते आईबी और एनआईए एजेंसियां घाटी में हवाला फंडिंग की जांच कर रही हैं। सुरक्षा एजेंसियों ने रिपोर्ट में कहा कि हवाला से ही आतंकवाद, ड्रग कारोबार को फंडिंग की जाती है। इसमें बिल या पेपर्स का इस्तेमाल नहीं होता है। ये कारोबार केवल जुबान पर चलता है। बैंकिंग सिस्टम का इस्तेमाल किए बगैर एक जगह पर डिलिवर किया गया कैश दूसरी किसी भी जगह पर उपलब्ध करा दिया जाता है।
नोटबंदी का असर सट्टा बाजार पर भी पड़ा है। भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट सीरिज में पैसा लगाने वाले सट्टेबाज अब कम पैसा लगा रहे हैं। इसमें 75 फीसदी की कमी आई है। सट्टा उधारी पर लगाया जा रहा है। कई जगहों पर छापेमारी में सट्टेबाजों ने इसका खुलासा किया। गौरतलब है कि बड़ी संख्या में क्रिकेट के सट्टे में कालाधन खपाया जाता रहा है।