लखनऊ। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से शिष्टाचारिक भेंट की। राष्ट्रपति भवन में हुयी भेंट के दौरान राज्यपाल ने राष्ट्रपति से प्रदेश से संबंधित अनेक विषयों पर चर्चा करने के साथ साथ एक पत्र भी दिया। ram naik
राज्यपाल ने पत्र में राष्ट्रपति को बताया कि महालेखाकार (आर्थिक एवं राजस्व सेक्टर आडिट) द्वारा पत्र लिखकर उन्हें अवगत कराया गया था कि गाजियाबाद विकास प्राधिकरण, गाजियाबाद के व्यय एवं प्राप्तियों के आडिट हेतु प्राधिकरण द्वारा दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराये जा रहे हैं। अनेक बार पत्राचार के बावजूद राज्य सरकार द्वारा विकास प्राधिकरण के आडिट हेतु अनुमति नहीं प्रदान की जा रही है। राज्यपाल ने बताया कि मुख्यमंत्री से इस विषय पर अनेक बार पत्राचार भी हुआ है तथा 26 अगस्त, 2016 को पत्र द्वारा राष्ट्रपति के संज्ञान में प्रकरण लाया गया था, परन्तु प्रकरण अभी भी विचाराधीन है जिस पर राष्ट्रपति के मार्गदर्शन की आवश्यकता है।
राम नाईक ने पत्र में राज्य विधान मण्डल द्वारा पारित तथा राष्ट्रपति को संदर्भित 6 विधेयकों का भी उल्लेख किया है, जो अभी विचाराधीन हैं। राष्ट्रपति को संदर्भित विधेयक क्रमशः (1) एरा विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश विधेयक, 2015, (2) उत्तर प्रदेश वित्तीय अधिष्ठानों में जमाकर्ता हित संरक्षण विधेयक, 2016, (3) उत्तर प्रदेश नगर निगम (संशोधन) विधेयक, 2015, (4) उत्तर प्रदेश नगर पालिका विधि (संशोधन) विधेयक, 2015, (5) उत्तर प्रदेश लोकायुक्त तथा उप-लोकायुक्त (संशोधन) विधेयक, 2015 तथा (6) उत्तर प्रदेश मदरसा (अध्यापकों एवं कर्मचारियों का वेतन भुगतान) विधेयक, 2016 हैं।
इसके अलावा राज्यपाल ने राष्ट्रपति को वाराणसी में भगदड़ में हुई अनेक लोगों की मृत्यु की घटना के बारे में भी जानकारी दी, जिस पर राष्ट्रपति ने गहरा दुःख व्यक्त किया। इससे पूर्व राज्यपाल ने केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडे़कर से भेंट की। भेंट के दौरान दोनों ने विश्वविद्यालयों को उत्कृष्टता का केन्द्र बनाने एवं उच्च शिक्षा में गुणात्मक सुधार लाने पर भी चर्चा की। ram naik
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