वैश्विक साइबर सुरक्षा कंपनी कैस्परस्की ने साइबर हमलों से जुड़ी एक रिपोर्ट पेश की है। इससे खुलासा होता है कि बीते वर्ष 2023 में भारत में पांच में से दो वेब यूजर को इंटरनेट से जुड़े साइबर हमले का सामना करना पड़ा।
गुरुवार को आने वाली कैस्परस्की की यह रिपोर्ट बताती है कि देश में कुल 6,25,74,546 इंटरनेट-जनित साइबर खतरों की जानकारी मिली है और इन्हे ब्लॉक भी किया गया है।
भारत सहित पूरी दुनिया के यूजर्स इस क्षेत्र में जिस फ्रॉड के सबसे ज़्यादा शिकार होते हैं ,वह है ‘सोशल इंजीनियरिंग’। सोशल इंजीनियरिंग के तहत यूजर को एक फाइल डाउनलोड करने के लिए उकसाया जाता है और इसके नतीजे में अपराधी को सिस्टम पर नियंत्रण मिल जाता है। जिससे वह किसी भी तरह के साइबर फ्रॉड को अंजाम दे सकता है।
इस धोखाधड़ी पर कैस्परस्की के दक्षिण एशिया के महाप्रबंधक जयदीप सिंह का कहना है कि दुनिया एआई तथा अगली जेनेरेशन की इंजिनयरिंग का विकास धोखाधड़ी और घोटाले के मामले में और अधिक जटिल तथा चुनौतीपूर्ण हो जाएगा।
भारत में लगभग पांच में से दो वेब यूजरों को 2023 में इंटरनेट से पैदा हुए #CyberAttacks का सामना करना पड़ा। गुरुवार को वैश्विक साइबर सुरक्षा कंपनी कैस्परस्की की एक नई रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है। https://t.co/jj143wFYup
— Navjivan (@navjivanindia) February 8, 2024
शोधकर्ताओं का कहना है कि हमले यूजर की जानकारी या कार्रवाई के बगैर होते हैं और इसके नतीजे हानिकारक, जिसमे फ़ाइल-रहित मैलवेयर डाउनलोड हो सकता है। यूजर सिस्टम में घुसपैठ करने के लिए साइबर अपराधी, ब्राउज़र की कमजोरियों का फायदा उठाते हैं। यूजर ऐसे हमलों का शिकार उस समय होते हैं जब वे किसी संक्रमित वेबसाइट पर जाते हैं।