अलीगढ़ : अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में कोविड-19 के नए वैरिएंट ने सभी की चिंता बढ़ा दी है। बीते 20 दिनों में यूनिवर्सिटी के 16 वर्किंग और 10 रिटायर्ड प्रोफेसर्स की मौत हो चुकी है। ये सभी लोग यूनिवर्सिटी के कैंपस में ही रहते थे।यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर तारिक मंसूर ने इस संबंध में आईसीएमआर को नमूनों की जांच के सम्बन्ध में पत्र भेजा है।
पिछले कुछ दिनों में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में हुई मौतों के बाद एएमयू में बनी आईसीएमआर से प्रमाणित लैब ने सैंपल इकट्ठा किए हैं। आईसीएमआर के डीजी प्रो. बलराम भार्गव को लिखे पात्र में यूनिवर्सिटी के वीसी तारिक मंसूर ने कहा है कि जल्द से जल्द कोविड सैंपल्स की जीनोम स्टडी कराई जाए, जिससे यह पता चल सके कि क्या यूनिवर्सिटी में कोविड का नया वैरिएंट विकसित हुआ है।
20 दिनों के अंदर जिन 26 प्रोफेसर्स की मौत हो हुई है, उनमे 16 वर्किंग और 10 रिटायर्ड फैकल्टी मेंबर्स हैं। ये सभी लोग यूनिवर्सिटी के कैंपस में ही रहते थे।
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार 20 दिनों में 16 वर्किंग और 10 रिटायर्ड प्रोफेसर्स की मौत से अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का बड़ा नुकसान हुआ है। 20 दिनों के अंदर जिन 26 प्रोफेसर्स की मौत हो हुई है, उनमे 16 वर्किंग और 10 रिटायर्ड फैकल्टी मेंबर्स शामिल हैं। कुलपति तारिक मंसूर के बड़े भाई की भी कोरोना वायरस के संक्रमण में आने से अपनी जान गावं चुके हैं। ये सभी लोग यूनिवर्सिटी के कैंपस में ही रहते थे।
अलीगढ़ यूनिवर्सिटी के वीसी तारिक मंसूर ने शक जताया है कि कोरोना वायरस के किसी नए वैरिएंट के कारण ऐसा कारण हो रहा है। सैंपल्स को जांच के लिए दिल्ली में सीएसआईआर-इंस्टीट्यूट ऑफ जिनॉमिक्स ऐंड इंटीग्रेटिव बायॉलजी में भेजा गया है।
अलीगढ़ यूनिवर्सिटी के वीसी तारिक मंसूर ने नए वैरिएंट की आशंका जताई है और इकट्ठा किए गए सैंपल्स को जांच के लिए दिल्ली में सीएसआईआर-इंस्टीट्यूट ऑफ जिनॉमिक्स ऐंड इंटीग्रेटिव बायॉलजी में भेजा है। उन्होंने इस बात का शक जताया है कि मौतों के आंकड़ों में वृद्धि कोरोना वायरस के किसी नए वैरिएंट के कारण हो रहा है। हालांकि अभी तक आईसीएमआर या सरकार की ओर से इस पर कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।