I.N.D.I.A अलायंस में शामिल 28 में से 24 दल 18 सितंबर से शुरू हो रहे संसद के स्पेशल सेशन में शिरकत करेंगे। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के घर हुई मीटिंग में यह फैसला लिया गया। संसद के विशेष सत्र को लेकर I.N.D.I.A अलायंस के लोकसभा और राज्यसभा सांसदों ने यह निर्णय लिया।
केंद्र सरकार द्वारा 18 से 22 सितंबर तक संसद का पांच दिवसीय विशेष सत्र बुलाया गया है। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी अलायंस की 24 पार्टियों का प्रतिनिधित्व करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिठ्ठी लिखकर स्पेशल सेशन बुलाने का एजेंडा पूछेंगी।
बैठक के बाद कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने कहा कि ये सत्र किसी भी विपक्षी दल से सलाह लिए बिना और बगैर जानकारी के बुलाया गया है। उनका कहना है कि मोदी सरकार पहली बार बिना एजेंडा बताए संसद का विशेष सत्र बुला रही है। उन्होंने इसे गैर लोकतान्त्रिक बताया।
I.N.D.I.A गठबंधन में शामिल 28 पार्टियों में से 24 पार्टियां संसद के विशेष सत्र में हिस्सा लेंगी
◆ कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी इन 24 पार्टियों की ओर से PM मोदी को पत्र लिखेंगी #INDIA | #Congress pic.twitter.com/JYKLzlnbUf
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सत्ता पर आरोप लगाते हुए कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि एक संभावित एजेंडे वाली कहानी मीडिया में प्रस्तुत की जाती है, जिससे लोगों पर बोझ डालने वाले मुद्दों से ध्यान भटकाने का एक बहाना तैयार होता है। उन्होंने आगे कहा कि भाजपा महंगाई, बेरोजगारी, मणिपुर, चीन के अतिक्रमण, सीएजी रिपोर्ट, घोटाले जैसे मुद्दों से ध्यान हटाकर लोगों को धोखा देना चाहती है।
संसद के विशेष सत्र के लिए कांग्रेस बोली- 'सदन में बैठने के लिए तैयार पर 'मोदी चालीसा' नहीं सुनेंगे…'
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इस विशेष सत्र पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि पहले जब भी विशेष सत्र बुलाया गया, तब पार्टियों को मुद्दा बताया जाता था। आगे उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं सामाजिक मुद्दों, आर्थिक मुद्दों, विदेश नीति जैसे मुद्दों पर भी चर्चा हो। हम सिर्फ मोदी चालीसा के लिए नहीं बैठेंगे। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि हम हर सदन में मुद्दे उठाते है, लेकिन हमें मौका नहीं दिया जाता है। इस विशेष सत्र में हम अपना मुद्दा रखना चाहेंगे।
गौरतलब है कि 18 से 22 सितंबर तक संसद का पांच दिन का विशेष सत्र बुलाया गया है। इस सत्र में कोई भी विधेयक पेश नहीं होगा और न ही जॉइंट सेशन बुलाया जाएगा। पांच दिन में 4-5 प्रस्ताव लाए जाएंगे, जिन पर चर्चा के बाद उसे ध्वनि मत से पारित किया जाएगा।