घोर आर्थिक संकट का सामना कर रहे श्रीलंका को विश्व बैंक से 16 करोड़ डॉलर की सहायता मिली है। श्रीलंका को जल्द ही एशियन डेवलपमेंट बैंक से भी मदद मिलने की उम्मीद है। देशवासियों के उग्र प्रदर्शनों का सामना कर रही श्रीलंका के लिए ये आर्थिक सहायता काफी हद तक मददगार होगी।
श्रीलंका के प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे ने संसद को बताया कि विश्व बैंक से मिली रकम का इस्तेमाल तेल खरीदने में नहीं किया जा सकता, लेकिन हम इसके प्रयास करेंगे।
श्रीलंका सरकार ने जनता से स्पष्ट कह दिया है कि पेट्रोल खरीदने के लिए पैसा नहीं है, इसलिए पेट्रोल पंपों पर लाइन न लगाएं।
इससे पूर्व, ऊर्जा मंत्री कंचन विजेशेखरा ने कहा था, पंपों पर पेट्रोल उपलब्ध नहीं है। इसलिए लोगों से अनुरोध है कि वहां लाइन न लगाएं। पेट्रोल सप्ताहांत के बाद ही मिल पाएगा।
श्रीलंका सरकार ने जनता से स्पष्ट कह दिया है कि पेट्रोल खरीदने के लिए पैसा नहीं है, इसलिए पेट्रोल पंपों पर लाइन न लगाएं। हालांकि देश के पास डीजल उपलब्ध है। 28 मार्च से पेट्रोल लदा एक जहाज श्रीलंका में तट पर खड़ा है, लेकिन इसके भुगतान के लिए सरकार के पास अमेरिकी डॉलर नहीं हैं।
प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने के अनुसार देश एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) को भुगतान में चूक गया है। इससे नया कर्ज मिलने का रास्ता और कठिन हो गया है। एडीबी और विश्व बैंक ने कुछ समय पूर्व श्रीलंका को करीब 16-16 करोड़ डॉलर का कर्ज देने का आश्वासन दिया था।
तीन दिन पहले राष्ट्र के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे ने बताया था कि भारत से उधार मिले पेट्रोल की दो खेप आनी हैं। इनमें से एक इसी हफ्ते पहुंचेगी जबकि दूसरी खेप 29 मई तक पहुंच रही है।