लखनऊ 08 दिसम्बर : कृषि कानूनों के साथ इलेक्ट्रिसिटी संशोधन बिल की वापसी की मांग को लेकर आज देश भर में लगभग 15 लाख बिजली कर्मचारियों, जूनियर इंजीनियरों और इंजीनियरों ने विरोध प्रदर्शन किया।
ये विरोध पिछले 13 दिनों से संघर्षरत किसानों के समर्थन में किया गया। ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेंद्र दुबेके अनुसार देश भर में सभी प्रांतों में बिजली कर्मचारियों ने भोजनावकाश के दौरान प्रदर्शन कर किसानों के साथ अपनी एकजुटता का प्रदर्शन किया। इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल का ड्राफ्ट जारी होते ही बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों ने इसका पुरजोर विरोध किया था। बिल में इस बात का प्रावधान है कि किसानों को बिजली टैरिफ में मिल रही सब्सिडी समाप्त कर दी जाए और बिजली की लागत से कम मूल्य पर किसानों सहित किसी भी उपभोक्ता को बिजली नही दी जाएगी।
बिल में इस बात का प्रावधान है कि सरकार चाहे तो डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिए किसानों को सब्सिडी दे सकती है किंतु इसके पहले किसानों को बिजली बिल का पूरा भुगतान करना होगा जो सभी किसानों के लिए असंभव है। किसानों का मानना है की इससे बिजली का निजीकरण करने की योजना है जिससे बिजली निजी घरानों के पास चली जाएगी। निजी क्षेत्र मुनाफे के लिए काम करते हैं जिससे बिजली की दरें किसानों की पहुंच से दूर हो जाएंगी।