नई दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुस्लिम समाज में तीन तलाक के मुद्दे पर कहा है कि उन्हें इस मामले में भारत की परंपरा पर पूरा भरोसा है. उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज के लोग खुद इस लड़ाई के खिलाफ आगे आएं और इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए. पीएम मोदी विस्वेश्वर जयंती के उपलक्ष्य में विज्ञान भवन में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे.
भगवान वसवेश्वर को याद करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि समाज के हर वर्ग से आने वाली महिलाओं को उन्होंने अपने विचार व्यक्त करने का हक दिया. समाज के हर वर्ग से आई महिलाएं अपने विचार व्यक्त करती थीं. कई महिलाएं ऐसी भी होती थीं जिन्हें उस समय समाज में व्याप्त बुराइयों के तहत तिरस्कृत समझा जाता था लेकिन वैसी महिलाओं को भी अनुभव मंडप में अपनी बात रखने का पूरा अधिकार था. महिला सशक्तीकरण को लेकर उस दौर में ये कितना बड़ा प्रयास था हम अंदाज लगा सकते हैं, हमारे देश की विशेषता रही है कि बुराइयां आई हैं लेकिन उनके खिलाफ लड़ने का माद्दा भी हमारे भीतर ही पैदा हुआ है.
पीएम मोदी ने कहा कि जिस समय राजा राममोहन राय ने विधवा विवाह की बात रखी होगी उस समय के समाज ने कितनी उनकी आलोचना की होगी लेकिन वो अड़े रहे, कि माताओं-बहनों के साथ ये घोर अन्याय है इसे दूर होना चाहिए इसलिए मैं कभी-कभी सोचता हूं कि तीन तलाक को लेकर आज इतनी बड़ी बहस चल रही है लेकिन भारत की महान परंपरा को देखते हुए मेरे मन में आशा का संचार हो रहा है कि इस देश में समाज के भीतर से ही ताकतवर लोग निकलते हैं जो अप्रसांगिक परंपराओं को तोड़ते हैं आधुनिक व्यवस्थाओं को विकसित करते हैं. मुस्लिम समाज से भी ऐसे प्रबुद्ध लोग पैदा होंगे, आगे आएंगे और मुस्लिम समाज की बेटियों पर जो गुजर रही है, जो बीत रही है उसके खिलाफ वो खुद लड़ाई लड़ेंगे और कभी न कभी खुद रास्ता निकालेंगे.
मोदी ने कहा कि हिंदुस्तान के ही प्रबुद्ध मुसलमान निकलेंगे जो दुनिया के मुस्लिमों को रास्ता दिखाने की ताकत रखेंगे. इस धरती की ये ताकत है. ये भारत की मिट्टी की ताकत है कि तीन तलाक के संकट से जूझ रही मुस्लिम समाज की महिलाओं को बचाने के लिए उसी समाज के लोग आगे आएंगे और मैं मुस्लिम समाज के लोगों से भी अपील करूंगा कि इस मसले को राजनीति में मत आने दीजिए. आप आगे आइए और समस्या का समाधान कीजिए. उस समाधान का आनंद कुछ और होगा आने वाली पीढ़ियों को उससे ताकत मिलेगी.