उत्तर प्रदेश में 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को वाहन देने पर अभिभावकों को सजा दी जा सकती है। यूपी परिवहन आयुक्त ने इस संबंध में निर्देश दिए हैं। इसके अलावा माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को पत्र लिखकर ये जानकारी भेजी है।
16 साल के नाबालिग के पास वैध लाइसेंस होने की दशा में उसे 50 सीसी इंजन की बाइक चलाने की अनुमति है।
उत्तर प्रदेश में अब 18 वर्ष से कम आयु के छात्र और छात्राएं वाहन नहीं चला सकेंगे। यूपी परिवहन आयुक्त ने इस सिलसिले में सभी आरएम, एआरएम और आरटीओ को आदेश प्रेषित कर दिया है। इसके अलावा माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को पत्र लिखकर इस विषय में जानकारी भेजी है।
परिवहन विभाग की ओर से जारी निर्देश के मुताबिक़ सड़क दुर्घटना में जान गंवाने वाले अधिकतर बच्चे 18 वर्ष से कम आयु के होते है। यही कारण है कि किसी भी नाबालिग के सार्वजनिक स्थान पर वाहन चलाने की रोक लगाई गई है।
नाबालिग से वाहन चलवाने की दशा में वाहन मालिक को सजा दी जाएगी। इसके तहत वाहन मालिक को 3 साल तक जेल और 25 हजार का जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है। वाहन के रजिस्ट्रेशन को भी एक साल के लिए निरस्त कर दिया जाएगा।
UP में बच्चों के स्कूटी-कार चलाने पर रोक
18 साल से कम उम्र तो नहीं चला सकेंगे स्कूटी-कार
बच्चों को स्कूटी-कार दी तो 3 साल की वाहन स्वामी को होगी सजा
वाहन स्वामी पर 25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगेगा.#lucknow pic.twitter.com/IWB07sSeLP
— News 24 Bharat || न्यूज़ 24 भारत (@News24Bharattv) January 3, 2024
इन मामलों में पकड़े जाने पर लाइसेंस बनने की न्यूनतम आयु 25 वर्ष कर दी गई है। परिवहन विभाग के मुताबिक हाई स्कूल और इंटर में बड़ी संख्या में बच्चे स्कूटी या अन्य वाहनों का प्रयोग करते हैं।
यदि 16 साल के नाबालिग के पास वैध लाइसेंस है तो उसे 50 सीसी इंजन की बाइक चलाने की अनुमति है। ये नाबालिग किसी सार्वजनिक स्थान पर 50 सीसी का वाहन चला सकते हैं।
इसके अलावा धारा 5 के तहत इसका प्रावधान किया गया है कि अगर किसी के पास वैध लाइसेंस नहीं है तो वाहन के मालिक ऐसे व्यक्ति से न तो वाहन चलवा सकता है और न ही इसकी अनुमति दे सकता है।