गुजरात हाईकोर्ट ने वर्ष 2002 के दंगों के मामले में ज़किया जाफ़री की याचिका ठुकरा दी।प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार कोर्ट ने जाफ़री और सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ के गैर सरकारी संगठन ‘सिटिजन फॉर जस्टिस एंड पीस’ की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई की। याचिका तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य लोगों को लोअर कोर्ट की ओर से क्लीन चिट दिए जाने के विरुद्ध दायर की गई थी।
याचिका में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और 59 अन्य को दंगों को लेकर आपराधिक साजिश रचने का आरोपी बनाए जाने की मांग की गई थी।
इस मामले की सुनवाई तीन जुलाई को पूरी हो गई थी। याचिका में 2002 के दंगों के पीछे बड़ी आपराधिक साजिश होने के मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) की ओर से नरेंद्र मोदी सहित 56 लोगों को क्लीन चिट दिए जाने को सही ठहराने के निचली अदालत के आदेश को चुनौती दी गई थी।
ज्ञात रहे कि ज़किया जाफ़री कांग्रेस के दिवंगत नेता एहसान जाफ़री की पत्नी हैं जिनकी गुजरात दंगों के दौरान हत्या कर दी गयी थी। गुजरात दंगों में कम से कम दो हज़ार लोग मारे गये थे। गुलबर्ग सोसायटी पर हुए हमलों में 59 लोग मारे गये थे जबकि 29 लोगों के शव गुलबर्ग सोसायटी से बरामद हुए थे और 30 लोग लापता थे जिन्हें सात साल बाद मृत घोषित कर दिया गया था।