दुनिया का पहला रोबोटिक हार्ट ट्रांसप्लांट सऊदी अरब में हार्ट फेलियर के शिकार एक 16 वर्षीय लड़के पर सफलतापूर्वक किया गया। ऑपरेशन के समय मरीज़ का दिल हार्ट फेलियर की अंतिम स्टेज पर था।
सऊदी प्रेस एजेंसी के मुताबिक, राजधानी रियाद में किंग फैसल स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में हासिल की गई यह ग्लोबल कामयाबी, ट्रांसप्लांट प्रक्रिया से जुड़ी कई चिकित्सीय जटिलताओं पर काबू पाने के बाद पूरी हो सकी।
वैश्विक स्तर पर अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल करते हुए, किंग फैसल स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर ने एक अंतिम चरण के हृदय विफलता से पीड़ित 16 वर्षीय रोगी पर दुनिया का पहला पूर्ण रोबोटिक हृदय प्रत्यारोपण सफलतापूर्वक किया।
यह ट्रांसप्लांट करीब ढाई घंटे तक चला। इसके लिए कई सप्ताह की गहन तैयारी के बाद प्रसिद्ध सऊदी हृदय सर्जन डॉ. फेरिस खलील के मार्गदर्शन में विशेषज्ञों की एक टीम ने इस ऑपरेशन को कामयाब बनाया।
ऑपरेशन की यह प्रक्रिया सटीकता सुनिश्चित करने और संभावित जोखिमों को कम करने के उद्देश्य से विस्तृत योजना के साथ शुरू हुई। बाद में, टीम ने एक विशेष तरीके से मरीज के दिल तक पहुंच हासिल की और छाती में चीरा लगाए बिना प्रत्यारोपण किया।
टीम ने हृदय तक पहुँचने और छाती को खोले बिना प्रत्यारोपण करने के लिए एक शल्य चिकित्सा दृष्टिकोण तैयार किया।
प्रक्रिया को प्रभावी ढंग से करने के लिए, टीम ने मरीज के प्रत्यारोपण से पहले तीन दिनों में सात आभासी सर्जरी कीं। अस्पताल की चिकित्सा समिति और मरीज के परिवार से अनुमोदन प्राप्त करने के बाद, डॉ. फेरिस खलील ने एक टीम का चयन किया और प्रत्येक सदस्य की भूमिकाओं को परिभाषित करते हुए एक विस्तृत प्री-ऑपरेटिव ब्रीफिंग दी।
यह उपलब्धि हार्ट ट्रांसप्लांट सर्जरी में एक महत्वपूर्ण बदलाव है, जो पारंपरिक छाती खोलने वाली प्रक्रियाओं से बचाने के साथ ठीक होने की अवधि को भी घटाती है।