आज यानी 25 अप्रैल का दिन विश्व मलेरिया दिवस के नाम से भी जाना जाता है। आज का दिन अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर व्यावहारिक उपाय करने, मलेरिया को खत्म करने और उपचार योग्य बीमारी के खिलाफ लड़ाई में आगे बढ़ने की प्रतिबद्धता का एहसास कराता है।
साल 2025 के लिए विश्व मलेरिया दिवस की थीम है- “मलेरिया का अंत हमारे साथ: पुनर्निवेश, पुनर्कल्पना, पुनर्जीवन” (Malaria Ends With Us: Reinvest, Reimagine, Reignite)। यह थीम मलेरिया के उन्मूलन में तेजी लाने के लिए नए समर्पण और योजना के साथ टीम वर्क की ज़रूरत पर प्रकाश डालती है।
मादा एनोफिलीज मच्छर से फैलने वाला मलेरिया एक घातक बीमारी का कारण बन सकता है। मलेरिया से हर साल 200 करोड़ लोगों को खतरा होता है, जिसमें 90 स्थानिक देशों के निवासी और 12.5 करोड़ अंतर्राष्ट्रीय पर्यटक शामिल हैं।
मलेरिया परजीवी के शरीर में पहुँचने के बाद 14 से 21 दिन के अंदर बुखार आता है। इससे बचाव के लिए जरूरी है, कि इसके लक्षणों को पहचान कर समय से इलाज किया जाए, साथ ही इसकी रोकथाम का भी इंतिज़ाम किया जाए।
इस संक्रमण के परिणामस्वरूप समय-समय पर बुखार आता है। अधिकांश रोगी उपचार के बाद मलेरिया के लक्षणों से जल्दी ठीक हो जाते हैं, लेकिन उपचार में देरी होने पर गंभीर मलेरिया के चलते एनीमिया, सेरेब्रल मलेरिया, कोमा या जान जाने का भी खतरा हो सकता है।
पहली बार विश्व मलेरिया दिवस 2008 में मनाया गया। यह अफ्रीका मलेरिया दिवस से विकसित हुआ, जिसे 2001 से अफ्रीकी देशों द्वारा सम्मानित किया गया था। साल 2007 में यह प्रस्ताव रखा गया था कि दुनिया भर में मलेरिया के प्रसार को स्वीकार करने और बीमारी को खत्म करने के वैश्विक अभियान के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए विश्व स्वास्थ्य सभा के 60वें सत्र में अफ्रीका मलेरिया दिवस का नाम बदलकर विश्व मलेरिया दिवस कर दिया जाए।
हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार, जून के अंतिम सप्ताह में मानसून आने के समय मच्छर जनित बीमारियां भी पनपने लगती हैं। इनसे बचाव के मद्देनजर जून को मलेरिया माह के रूप में भी मनाया जाता है। इस संबंध में शहरी के साथ गावों में विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाता है।
मलेरिया उन्मूलन के लिए प्रदेश सरकार और स्वास्थ्य विभाग द्वारा हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। साल 2027 तक मलेरिया को प्रदेश से जड़ से समाप्त किए जाने की भी बात कही गई है। विभिन्न अभियानोंके तहत और संचारी रोग अभियान चलाए जा रहे हैं। जिससे लोगों को जागरुक और सचेत किया जा सके।
सभी राजकीय चिकित्सालय पर वेक्टर जनित रोग की निःशुल्क जांच और उपचार की सुविधा मौजूद है। इसके अलावा बीमारी के मामले बढ़ने पर कार्यालय के कंट्रोल रूम फोन नंबर 0522-2622080 पर सूचना दिया जा सकता है।