14 नवंबर विश्व मधुमेह दिवस के रूप में मनाया जाता है। आज के दिन मधुमेह के प्रति लोगों को जागरूक करने के अलावा इसकी रोकथाम और उपचार से अवगत कराने का प्रयास किया जाता है। मधुमेह यानी डाइबिटीज़ को साइलेंट किलर के नाम से भी जाना जाता है। प्रत्येक वर्ष ये दिन एक ख़ास थीम के तहत मनाया जाता है।
द लांसेट डायबिटीज एंड एंडोक्राइनोलॉजी में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक़, भारत में 10.1 करोड़ लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं।
डायबिटीज़ टाइप-1 से पीड़ित लोगों में इंसुलिन का उत्पादन नहीं होता जबकी टाइप-2 डायबिटीज़ डायबिटीज में पैनक्रियाज इंसुलिन का उत्पादन काफी कम मात्रा में करता है।
इंसुलिन एक ऐसा हार्मोन है जो खून में ग्लूकोज के लेवल को कंट्रोल में रखता है। शरीर में जब इंसुलिन अपना काम सही से नहीं कर पाता तो ग्लूकोज रक्त कोशिकाओं में इकट्ठा होना शुरू हो जाता है, जिससे मधुमेह की समस्या होती है।
वर्ल्ड डायबिटीड डे ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक़, इस समय दुनिया भर में 10 में से एक व्यक्ति डायबिटीज से पीड़ित है। जिनमें से 90% से अधिक को टाइप-2 डायबिटीज है।
उचित जानकारी के अभाव में करीब 54.01 करोड़ वयस्कों को टाइप-2 मधुमेह के विकसित होने का खतरा रहता है।
मधुमेह ब्लड शुगर केअनियंत्रित होने के कारण होती है। शुगर का स्तर बढ़ने से स्वास्थ्य सम्बन्धी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। आंकड़े बताते हैं कि इस समय दुनियाभर में 500 मिलियन से अधिक लोग डाइबिटीज़ से पीड़ित हैं। अगले 3 दशकों में यह आंकड़ा 130 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है।
डायबिटीज के जोखिम को कम करने के लिए लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल विश्व मधुमेह दिवस मनाया जाता है। 2023, विश्व मधुमेह दिवस की थीम ” मधुमेह देखभाल तक पहुंच ” है। यह थीम समय पर उपचार और प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए सही जानकारी और आवश्यक देखभाल तक समान पहुंच के महत्व को उजागर करती है।
मधुमेह विशेषज्ञ बताते हैं कि इस बीमारी के शिकार करीब 24 करोड़ लोगों का इलाज नहीं हो पाता। ये संख्या 44 प्रतिशत है।
आंकड़ों के अनुसार उचित जानकारी के अभाव में करीब 54.01 करोड़ वयस्कों को टाइप-2 मधुमेह के विकसित होने का खतरा रहता है।
मधुमेह से बचने के लिए नियमित जांच के साथ इसके लक्षणों के प्रति भी सचेत रहना चाहिए। मर्ज़ की शुरुआत में इसे निम्न लक्षणों के आधार पर पहचाना जा सकता है-
- थकावट महसूस करना
- अधिक भूख और प्यास लगना
- वजन बढ़ना तथा घटना
- बार-बार पेशाब आना
- मुंह सूखना
- जल्दी ही किसी संक्रमण की चपेट में आना
- धुंधला दिखाई देना
- शरीर के घाव का जल्दी न भरना
- घाव का शीघ्र पकना आदि
- जिन सावधानियों को अपना कर आप डाइबिटीज़ को नियंत्रित कर सकते हैं-
- खाने में उन फाइबर और भोजन को शामिल करें, जिनमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम हो
- चीनी और रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट से बचें
- धूम्रपान की आदत से बचें
- प्रतिदिन 30 मिनट नियमित व्यायाम करें
- कोल्ड ड्रिंक तथा अधिक चीनी वाले खाद्य पदार्थों से बचें
- संतुलित भोजन और एक सधा हुआ रूटीन अपनाएं
विश्व स्वास्थ्य संगठन के सहयोग से 1991 में अंतर्राष्ट्रीय मधुमेह फाउंडेशन द्वारा वर्ड डाइबिटीज़ डे की शुरुआत हुई। संयुक्त राष्ट्र संकल्प के अंतर्गत वर्ष 2006 में इसे आधिकारिक रूप से विश्व मधुमेह दिवस के रूप में मान्यता मिली।
वर्ल्ड डायबिटीड डे को नीले रंग के लोगो से दर्शाया जाता है। विश्व डाइबिटीज़ दिवस 14 नवंबर को मनाये जाने का कारण ये है कि इस दिन सर फ्रेड्रिक बैंटिंग का जन्मदिवस है। डायबिटीज के इलाज के लिए इन्होने इंसुलिन की खोज में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।