ईरान शिया इस्लामिक देश है और में भी ईरान के बाद सबसे ज़्यादा शिया मुसलमान हैं. अगर भारत का विभाजन न हुआ होता यानी पाकिस्तान नहीं बनता तो ईरान से भारत की सीमा लगती.
मंगलवार को भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ईरान के दौरे पर थे. उन्होंने ईरान के विदेश मंत्री जवाद ज़ारिफ़ से मुलाक़ात की. ईरानी विदेश मंत्री ने ट्वीट कर बताया है कि भारतीय विदेश मंत्री से कई मुद्दों पर बहुत ही सकारात्मक बात हुई है.
इससे पहले छह सितंबर को भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ईरान में थे और उन्होंने ईरान के रक्षा मंत्री ब्रिगेडियर जनरल आमिर हतामी से मुलाक़ात की थी. चार दिनों के भीतर मोदी सरकार के दो-दो कैबिनेट मंत्रियों का ईरान जाने का मतलब क्या है?
कई देशों में भारत के राजदूत रहे राकेश सूद कहते हैं कि ईरान में चार दिनों के भीतर मोदी सरकार के दो-दो कैबिनेट मंत्रियों के जाने को दो तरीक़ों से देखा जा सकता है. राकेश सूद कहते हैं, “राजनाथ सिंह मॉस्को से लौटते वक़्त तेहरान पहुंचे और विदेश मंत्री एस. जयशंकर मॉस्को जाने से पहले ईरान गए.
भारत की चीन, तुर्की और पाकिस्तान से कभी दोस्ती नहीं रही लेकिन रूस तो भारत का दोस्त रहा है और ईरान से भी अच्छे संबंध रहे हैं. ऐसे में भारत की यह चिंता लाजिमी है कि ईरान और रूस से अपने संबंधों को ख़राब न होने दे. अभी लद्दाख में सरहद पर भारत और चीन की सेना आमने-सामने है.
(Source: BBC)